नई दिल्ली. 18 जून हो गई और अभी तक मॉनसून मध्यभारत नहीं पहुंचा. मौसम वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि इस बार मॉनसून वक्त पर आएगा और सामान्य से अच्छी बारिश होगी. लेकिन हालात ये हैं कि तीन चौथाई हिंदुस्तान अभी तक गर्मी में झुलस रहा है और बादल हैं कि दूर-दूर तक नजर नहीं आते.
एक तरफ मॉनसून का इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है तो दूसरी तरफ एक और बुरी खबर ये आई है कि देश के सभी 91 जलाशयों में सिर्फ 15 फीसदी पानी बचा है. इस सभी जलाशयों में जून से सितंबर तक होने वाली मॉनसूनी बरसात से पानी जमा होता है. लेकिन पिछले दो सालों में कम बारिश के चलते इनका जल्स्तर बेहद नीचे आ चुका है और इस साल अभी तक बारिश का नामोनिशान नहीं है.
मॉनसून की स्थिति पर नजर डालें तो देश के पूर्वी हिस्से में हालात थोड़े सुधरे हैं. मॉनसून छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड और बिहार तक दस्तक दे चुका है. लेकिन देश के पश्चिमी हिस्से में हालात बुरे हैं करीब एक हफ्ते से महाराष्ट्र के किसान टकटकी लगाए बैठे हैं लेकिन मॉनसून अभी भी कर्नाटक में ही अटका हुआ है जबकि 18 जून की स्थिति के मुताबिक गुजरात, मध्यप्रदेश, आधा यूपी और दक्षिणी राजस्थान मॉनसून की जद में होने चाहिए थे इंडिया न्यूज के खास शो ‘बीच बहस में‘ इसी अहम मुद्दे पर पेश है चर्चा.
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