अहमदाबाद. 2002 के गोधरा कांड के बाद गुलबर्ग सोसाइटी में हुए दंगों के मामले में 24 आरोपियों की सजा का ऐलान हो गया है. जिनमें 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा, 12 दोषियों को 7 साल की सजा और एक को 10 साल की सजा हुई है. एसआईटी कोर्ट ने 2 जून को मामले की सुनवाई करते हुए 66 में से 36 आरोपियों को बरी और 24 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
गुलबर्ग सोसाइटी केस में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 लोग मारे गए थे. 39 लोगों के शव बरामद हुए थे और 30 लापता लोगों को सात साल बाद मृत मान लिया गया था.
बरी किए गए आरोपियों में BJP पार्षद शामिल
2002 में गोधरा कांड के बाद हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में एसआईटी कोर्ट ने 36 को बरी कर दिया है, जबकि 24 को दोषी करार दिया है. बरी किए गए आरोपियों में बीजेपी पार्षद विपिन पटेल भी शामिल हैं. अतुल वैध को कोर्ट ने दोषित करार किया गया. 24 दोषियों की सजा का ऐलान कोर्ट 6 जून को करेगी. 24 आरोपिओ में से 11 आरोपियों पर 302 की कलम लगाई गयी है.
SC की निगरानी में गठित हुई SIT
गुलबर्ग नरसंहार की जांच समय समय पर अलग-अलग एजेंसियां करती रही. लेकिन घटना के 7 साल बाद सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी गठित की गई. एसआईटी को गुजरात दंगों के 9 मामलों की जांच दी गई थी जिसमें से गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड एक है.