नई दिल्ली. इशरत जहां एनकाउंटर केस में गुम हुई फाइलों की जांच कर रहे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी बी.के. प्रसाद पर गवाहों पर दबाव डालने का आरोप लग रहा है. अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने खबर छापी है की बीके प्रसाद यूपीए सरकार में गृह मंत्रालय में तैनात अफसरों से मन-मुताबिक सवालों के जवाब देने को कह रहे थे.
अखबार में छपी खबर के अनुसार बीके प्रसाद ने अधिकारियों को सवाल भी बताए और कहा कि ये सवाल आपसे पूछा जाए तो आप लोग ये जवाब देना. इंडिया न्यूज से बातचीत में बीके प्रसाद ने आरोपों को नकार दिया है. बीके प्रसाद गृह मंत्रालय में अतिरक्त सचिव हैं और गुम हुई फाइलों की जांच कर रहे हैं.
अखबार में छपी खबर के अनुसार जांच का मकसद यूपीए सरकार के दूसरे एफिडेविट- जिसमें इशरत के लश्कर से कथित लिंक और 15 जून, 2015 को उसकी हत्या की जांच की सीबीआई से जांच की इजाजत दी गई थी, की परिस्थितियों का पता लगाना था. प्रसाद ने अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी जिसमें गायब कागजात पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला है.
इस मामले में गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु ने कहा कि सरकार को रिपोर्ट मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि पी. चिदंबरम के मंत्री रहते हुए इस मामले में दुर्भावना के साथ काम किया गया.