नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े आरोपों को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। बता दें ट्रायल कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ हत्या, दंगा और शत्रुता फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए किए गए थे। वहीं अब जगदीश टाइटलर ने इन आरोपों को गलत बताते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
यह मामला 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़ा है, जिसमें टाइटलर पर पुलबंगश इलाके में तीन सिखों की हत्या और गुरुद्वारा साहिब को जलाने का आरोप है। 20 अगस्त को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149, 153A सहित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए थे। इन आरोपों के तहत उन्हें भीड़ इकट्ठा कर दंगे भड़काने और धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
जगदीश ने ट्रायल कोर्ट में खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों को नकारा और अब उन्होंने हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। जगदीश की याचिका उनके वकील वैभव तोमर के माध्यम से दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट का आदेश अवैध और विवेकहीन है। वहीं याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि कोर्ट द्वारा लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है और ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।
इसके साथ ही, जगदीश ने अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला भी दिया है। उन्होंने याचिका में बताया कि 2009, 2011 और 2016 में उनके कई मेडिकल परीक्षण हुए थे, जिनमें बायोप्सी भी शामिल है। इसके अलावा 2021 में घर में गिरने के बाद उन्हें गंभीर चोटें आई थीं, जिसके लिए उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अब मंगलवार को जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच जगदीश की याचिका पर सुनवाई करेगी। अब यह देखना होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेती है और आरोपों के खिलाफ टाइटलर की अपील पर क्या फैसला होता है।
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