नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के बरेली,आगरा और वाराणसी के मानसिक अस्पताल में कई महिलाएं और पुरुष पूरी तरह स्वस्थ होने के बावजूद मेंटल हॉस्पिटल में दूसरे मनोरोगियों के साथ रखा जा रहा है. याचिका में इसे अमानवीय और गैर कानूनी कहा गया है.
याचिका में मांग की गई की स्वस्थ हो चुके लोगों को तत्काल मानसिक अस्पताल से छुट्टी दिये जाने और उनके पुर्नवास के इंतजाम किये जाये.
बता दें कि याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट बरेली, आगरा और वाराणसी के मानसिक अस्पतालों को निर्देश दे कि वे पूरी तरह स्वस्थ हो चुके और छुट्टी दिये जाने लायक महिला और पुरुष मरीजों का नाम कोर्ट को बताए. हालांकि याचिका में मुख्यता बरेली के मानसिक अस्पताल के हालात बयान किये गये है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने सूचना कानून के तहत अर्जी दाखिल कर बरेली, आगरा और वाराणसी के मानसिक अस्पताल से मरीजों का पूरा ब्योरा मांगा था लेकिन अस्पतालों ने उन्हें सूचना मुहैया नहीं कराई. याचिका में कानून और सम्मान के साथ जीवन जीने के संवैधानिक अधिकार का हवाला देते हुए स्वस्थ्य व्यक्ति को मनोरोगियों से अलग रखे जाने की मांग की गई है.