नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है. केजरीवाल सरकार के संसदीय सचिव वाले बिल को राष्ट्रपति ने लौटा दिया है. दिल्ली सरकार ने 21 सचिव बनाए थे जिसके बाद से ही मामला विवादों में खड़ा हो गया था. राष्ट्रपति ने बिल को असंवैधानिक बताते हुए दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग को लौटा दिया है.
क्या है पूरा मामला?
मार्च 2015 में दिल्ली सरकार ने 21 आम आदमी पार्टी विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया था. इसके खिलाफ प्रशांत पटेल नाम के शख्स ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद होनी चाहिए.
राष्ट्रपति ने ये याचिका चुनाव आयोग को भेजकर कार्रवाई करने को कहा और इसी के तहत आम आदमी पार्टी के विधायकों से चुनाव आयोग ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा था.
ये 21 आप विधायकों पर लटकी है तलवार
1. जरनैल सिंह, राजौरी गार्डन
2. आदर्श शास्त्री, द्वारका
3. नरेश यादव, महरौली
4. अलका लांबा, चांदनी चौक
5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा
6. राजेश ऋषि, जनकपुरी
7. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर
8. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर
9. विजेंद्र गर्ग, राजेंद्र नगर
10. अवतार सिंह, कालकाजी
11. शरद चौहान, नरेला
12. सरिता सिंह, रोहताश नगर
13. संजीव झा, बुराड़ी
14. सोम दत्त, सदर बाज़ार
15. शिव चरण गोयल, मोती नगर
16. अनिल कुमार बाजपेेयी, गांधी नगर
17. मनोज कुमार, कोंडली
18. मदन लाल, कस्तूरबा नगर
19. सुखबीर दलाल, मुंडका
20. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़
21. जरनैल सिंह, तिलक नगर