बेटियां: एवरेस्ट फतह करने वाली जांबाज बेटियों की कहानी

NCC की 11 गर्ल्‍स कैडेट ने 22 मई को दुनिया की सबसे ऊंचे पहाड़ की चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने में कामयाबी हासिल की. एनसीसी के मुताबिक यह भारत में ही नहीं, दुनिया में ऐसा पहला मौका था जब 11 लड़कियों ने यह ऐवरेस्ट फतह किया, क्योंकि इससे पहले यह रिकॉर्ड 10 महिलाओं के नाम था.

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बेटियां: एवरेस्ट फतह करने वाली जांबाज बेटियों की कहानी

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  • June 13, 2016 3:35 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. NCC की 11 गर्ल्‍स कैडेट ने 22 मई को दुनिया की सबसे ऊंचे पहाड़ की चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने में कामयाबी हासिल की. एनसीसी के मुताबिक यह भारत में ही नहीं, दुनिया में ऐसा पहला मौका था जब 11 लड़कियों ने यह ऐवरेस्ट फतह किया, क्योंकि इससे पहले यह रिकॉर्ड 10 महिलाओं के नाम था.
 
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जज्बे को सलाम!
इन लड़कियों के जज्बे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन सभी लड़कियों की उम्र 17 से 21 साल के बीच है. इस पूरी टीम की सफलता पर जहां सेना प्रमुख ने शुभकामनाएं दी, वहीं पूरा देश हिन्दुस्तान इन बेटियों के जज्बे को सलाम कर रहा है. इन कैडेट्स में तीन (03) लद्दाख की, 02 दार्जिलिंग की, एक-एक उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और राजस्थान की हैं. टीम का नेतृत्व खुद मेजर दीपिका राठौर कर रहीं थी, जो दूसरी बार माउंट एवरेस्ट पर पहुंचीं थी.
 
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नेशनल कैडट कोर के डीजी अनिरुद्ध चक्रवर्ती ने रक्षा मंत्रालय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह मिशन मंत्रालय की सहयोग के बिना संभव नहीं था. चक्रवर्ती ने बताया कि देश भर से कड़े मुकाबले के बाद इन 10 लड़कियों को चुना गया था.
 
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