JNU विवाद: कन्हैया, खालिद का देशद्रोह वाला वीडियो सही-पुलिस

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 9 फरवरी को लगे देशविरोधी नारेबाजी के एक निजी न्यूज चैनल के वीडियो क्लिप को सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) ने सही पाया है. इसी वीडियो क्लिप के आधार पर दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 15 छात्र-छात्राओं व अन्य के खिलाफ देशद्रोह की धारा में एफआइआर दर्ज की थी, वह वीडियो बिल्कुल सही पाया गया है.

Advertisement
JNU विवाद: कन्हैया, खालिद का देशद्रोह वाला वीडियो सही-पुलिस

Admin

  • June 11, 2016 4:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 9 फरवरी को लगे देशविरोधी नारेबाजी के एक निजी न्यूज चैनल के वीडियो क्लिप को सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) ने सही पाया है. इसी वीडियो क्लिप के आधार पर दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 15 छात्र-छात्राओं व अन्य के खिलाफ देशद्रोह की धारा में एफआइआर दर्ज की थी, वह वीडियो बिल्कुल सही पाया गया है. बता दें कि इस क्लिप के साथ कैमरा, मेमोरी कार्ड, क्लिप की सीडी, वायर और दूसरे इक्विपमेंट्स के साथ सीबीआई फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया था.
 
इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर
 
सड़क से संसद तक हुआ था हंगामा
दिल्ली पुलिस ने बताया कि न्यूज चैनल के उस वीडियो से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी. चार दिन पहले सीबीआइ की फोरेंसिक लैब से आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है. उस वीडियो पर केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस समेत पूरे देश के लोगों की नजरें थीं. इस वीडियो से छेड़छाड़ किए जाने संबंधी दावे को लेकर संसद तक हंगामा हुआ था. 
 
पहले चेक करा चुकी थी पुलिस
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कथित घटना से जुड़े वीडियो की चार क्लिप्स जांच के लिए गांधीनगर स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक लैब में भेजी थीं. मई में आई गांधीनगर लैब की रिपोर्ट में इन क्लिप्स को सही पाया गया था.
 
वीडियो को गलत बताकर जांच करनी पड़ी थी बंद
करीब तीन महीने बाद अपने पक्ष में रिपोर्ट आने से दिल्ली पुलिस जेएनयू प्रकरण की जांच फिर से शुरू कर देगी. इसी रिपोर्ट के कारण पुलिस ने करीब दो महीने तक जांच बंद कर दी थी. अधिकारियों ने बताया था कि जिस वीडियो के आधार पर केस दर्ज किया गया है उसे गलत बता दिया गया था जिससे जांच बंद करनी पड़ी थी.
 
वीडियो सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य माना जाएगा
सूत्रों के मुताबिक पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा से अनुमति मिलते ही फिर से आरोपियों की धरपकड़ शुरू हो जाएगी. वीडियो की रिपोर्ट केस के लिए सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य माना जाएगा. वीडियो सही पाए जाने पर यह साफ हो गया है कि बीते 9 फरवरी की रात जेएनयू में जमकर देशविरोधी नारे लगे थे. वीडियो में उमर खालिद समेत कई आरोपी देशविरोधी नारे लगाते हुए दिख रहे हैं. 
 
Stay Connected with InKhabar | Android App | Facebook | Twitter
 
कौन से लगाए गए थे नारे
उमर खालिद के नेतृत्व में वहां जुटे समूह के लोगों ने ‘देश-विरोधी’ नारे ‘कितने अफजल मारोगे, घर-घर से अफजल निकलेगा’, ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए, भारत मुर्दाबाद, और भारत तेरे टुकडे़ होंगे इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह आदी जैसे नारे लगाए गए.

Tags

Advertisement