नई दिल्ली. भारत को एनएसजी (परमाणु आपुर्तीकर्ता समूह) में शामिल होने से चीन को बड़ी परेशानी हो रही है. इस ग्रुप में भारत के शामिल होने को लेकर गुरुवार को हुई बैठक में भी चीन का अड़ियल रुख देखा गया.
भारत का विरोध करने वाले देश
यह बैठक 42 सदस्य देशों के साथ विएना में हुई. अब यह उम्मीद की जा रही है कि इस बात की चर्चा 24 जून को एनएसजी की सिओल में होने वाली बैठक में होगी. एनएसजी में भारत के शामिल होने का विरोध चीन के साथ तुर्की, न्यूजीलैंड आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया भी कर रहे हैं.
भारत को सपोर्ट करने वाले देश
एक ओर जहां, न्यूजीलैंड चीन देश भारत का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के साथ जापान, मेक्सिको और स्विट्जरलैंड ने भारत को सपोर्ट करने की बात कही है.
पीएम मोदी कर सकते हैं चीन से बात
भारत इस मामले पर चीन के साथ ज्यादा नोंकझोक पसंद नहीं करेगा, क्योंकि इससे मामले के बिगड़ने का डर है. वहीं खबर है कि अगर भारत शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) के लिए तय सीमा में जरूरी प्रॉसेस पूरी कर लेता है तो उस बैठक में पाकिस्तान के साथ मीटिंग हो सकती है. इस मीटिंग में पीएम मोदी भी 23-24 जून को होने वाली SCO की मीटिंग में शामिल हो सकते हैं. यदि ऐसा होता है तो मोदी चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से व्यक्तिगत मिलकर एनएसजी मुद्दे पर बात कर सकते हैं.