नई दिल्ली. तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल कि गई है. फरहा फैज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ट्रिपल तलाक को खत्म करने के मांग कि है. फरहा फैज़ ने अपनी याचिका में कहा है कि ट्रिपल तलाक कुरान के तहत देने वाले तलाक के अंतर्गत नहीं आता.
ट्रिपल तलाक की वजह से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन होता है. शादी, तलाक़ और गुजारा भत्ता के लिए कोई सही नियम न होने कि वजह से महिलाएं लिंगभेद का शिकार हो रही है.
फैज़ मुस्लिम वोमेन क्वेस्ट नामक एनजीओ उत्तर प्रदेश में चलाती है. इसके साथ ही वो आरएसएस कि शाखा राष्ट्रवादी मुस्लिम महिला संघ कि अध्यक्ष भी है. याचिका में कहा गया है कि कई मुस्लिम देशों में मुस्लिम पर्सनल लॉ को कोडिफिएड किया गया है जबकि यहां ऐसा नहीं है.
फैज़ ने अपनी याचिका में एक मामले का जिक्र किया है जहाँ बहू के साथ बलात्कार करने वाले ससुर को दण्डित करने कि जगह ये फतवा जारी किया जाता है कि वो अपने पति को बेटा माने. घटना 2005 उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फरनगर कि है जहाँ एक ससुर जबरदस्ती अपनी बहु के साथ बलात्कार करता है और स्थानीय मौलवी उसके खिलाफ फतवा जारी करते हैं कि वो अपने पति को अब बेटा माने.