पटना. बिहार शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलने के बाद शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने जांच के आदेश दिए हैं. टॉपर्स को अपनी ही सब्जेक्ट की जानकारी नहीं होने की वजह से फिर से परीक्षा के दौर से गुजरना होगा. उन्होंने कहा है कि 12वीं के टॉपर्स के रिजल्ट पर रोक लगाते हुए 3 जून को इंटरमीडिएट के सभी टॉपर्स की लिखित परीक्षा एंड बाद में इंटरव्यू होगी.
इंटर टॉपर्स पर उठ रहे सवालों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी स्ट्रीम के पांच रैंक तक के टॉपर्स का इंटरव्यू कर उनकी योज्ञता की जांच इंटरव्यू के माध्यम से की जाएगी. टॉपर्स की लिखित परीक्षा भी होगी, जरूरत पड़ने पर कॉपियों का मिलान भी किया जाएगा. बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने कहा कि सच्चाई का पता करने के लिए यह जरूरी है.
इंटरव्यू में फेल होने वालो छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यहां तक कि उनका रिजल्ट भी रद्द किया जा सकता है. इस बीच आर्ट्स टॉपर रूबी रॉय व साइंस टॉपर सौरव श्रेष्ठ के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है.
क्या है पूरा मामला
बिहार के हाजीपुर की रहने वाली लड़की रुबी जिसने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप किया है उसे अपने सब्जेक्ट के नाम ठीक से याद नहीं थे और न ही उसे विषय से संबंधित कोई जानकारी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्ट्स स्ट्रीम की टॉपर रूबी राय को 500 नंबर की परीक्षा में 444 अंक मिले.
इस टॉपर से जब इंडिया न्यूज संवाददाता ने बात की तो उसे अपने सब्जेक्ट तक के नाम ठीक से याद नहीं थे. यहां तक की पॉलिटिकल साइंस में 100 में 91 नंबर लाने वाली रूबी से जब पॉलिटिकल साइंस क्या है, ये पूछा गया तो उसने जवाब दिया पॉलीटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस कहते हुए उच्चारण किया. पॉलीटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस बोलने वाली रुबी ने कहा कि इस सब्जेक्ट में खाना बनाने से संबंधित पढ़ाई होती है. उसे ये भी नहीं पता था कि परीक्षा कितने नंबर की थी.
वहीं साइंस के टॉपर सौरभ कुमार को भी साइंस के मामूली सवाल पता ही नहीं थे. ऐसे में ये सवाल उठने लगा है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था कैसी है जहां राज्य के टॉपर को उस स्ट्रीम के विषय का भी पता नहीं है. कैसे हो रही है बिहार में परीक्षा और कैसे दिए जा रहे हैं नंबर कि विषय से अनजान विद्यार्थी भी टॉपर बन जा रहे हैं.