जल्द ही देशवासी ऑनलाइन ऑर्डर कर घर मंगवा सकेंगे गंगाजल

केंद्र सरकार गंगाजल को आपके घर तक पहुंचाने के लिए एक नई योजना की शुरूआत करने जा रही है. इस योजना के तहत आपको सिर्फ गंगाजल की ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी. इसके बाद आपके घर तक गंगा जल पहुंचाने की जिम्मेदारी डाक विभाग की होगी.

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जल्द ही देशवासी ऑनलाइन ऑर्डर कर घर मंगवा सकेंगे गंगाजल

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  • May 31, 2016 4:04 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. केंद्र सरकार गंगाजल को आपके घर तक पहुंचाने के लिए एक नई योजना की शुरूआत करने जा रही है. इस योजना के तहत आपको सिर्फ गंगाजल की ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी. इसके बाद आपके घर तक गंगा जल पहुंचाने की जिम्मेदारी डाक विभाग की होगी. इस बात की घोषणा केंद्रीय संचार एवं सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मोदी सरकार के दो वर्ष के कामकाज पर एक प्रैस कॉन्फ्रैस के दौरान की है. हालांकि, अभी यह तय होना बाकी है कि कितनी मात्रा में गंगाजल की पैकिंग मिलेगी और इसके लिए कितनी राशी वसूली जाएगी.
 
सील डब्बों में घर तक पहुंचेगा गंगाजल
 
रविशंकर प्रसाद ने मुंबई में प्रैस के साथ बातचीत के दौरान कहा कि एमटीएनएल के टैक्नोलॉजी सेंटर में दूरसंचार में डाकविभाग की कुछ नई योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है. गंगोत्री से भगीरथी का और ऋषिकेश से गंगा का जल डाक विभाग के सील पैक डब्बों में जल्दी ही आपके घर तक पहुंचेगा. उन्होंने बताया कि देश के किसी भी कोने से ऑनलाइन आवेदन कर इसे मंगाने का आर्डर दिया जा सकता है. भारतीय डाक स्पीड पोस्ट से देश के किसी भी कोने में आप तक गंगाजल भेजेगा. 
 
डाक विभाग ने दिलाया भरोसा
 
डाक विभाग ने प्रसाद को भरोसा दिलाया है कि लोगों की इस सांस्कृतिक जरूरत को पूरा करने के लिए वे इस पर सक्रिय रूप से कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि ई-वाणिज्य उत्पादों को लोगों के पास पहुंचाने के चलते उनके कार्यकाल में डाक विभाग की पार्सल से होने वाली कमाई 80 प्रतिशत बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि अगर एक डाकिया मोबाइल फोन, साड़ियां, गहने और कपड़े पहुंचा सकता है तो गंगाजल क्यों नहीं.
 
पहले भी शुरू की गई थी योजना
 
रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब आठ साल पहले भी देश में गाजियाबाद और अन्य डाकघरों ने अपने स्तर पर यह योजना शुरू की थी, लेकिन उसे ज्यादा तवज्जो नहीं मिली. 
 
यह है गंगाजल की विशेषता
 
गंगाजल कभी खराब नहीं होता है. इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि गंगा जल में बैट्रिया फोस नामक एक बैक्टीरिया पाया गया है, जो पानी के अंदर रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होने वाले अवांछनीय पदार्थों को खाता रहता है. इससे जल की शुद्धता बनी रहती है. गंगा के पानी में गंधक की प्रचुर मात्रा मौजूद रहती है, इसलिए भी यह खराब नहीं होता.

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