नई दिल्ली. महिलाओं के साथ बढ़ते यौन अपराध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका पर आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने सभी को 6 हफ्तों के अंदर जवाब देने को कहा है.
कोर्ट ने केंद्र सरकार व अन्य से सवाल किया है कि रेप पीड़ित महिलाओं के मुआवजे को लेकर क्या प्रावधान है और इसके लिए उनके पास बजट के लिए क्या प्रावधान है. साथ ही इससे कितना फायदा हुआ है. महिलाओं को मुआवजा मिलने को लेकर कोर्ट ने पूछा कि रेप पीड़ित कितने महिलाओं को एक्ट के तहत मुआवजा मिला है. ये भी बताना है कि किस स्टेज पर कितना मुआवज़ा दिया गया.
शुरुवाती स्टेज में कितना, FIR के स्टेज पर कितना और अंत में कितना दिया गया. मामले कि सुनवाई के दौरान एमिकस इंद्रा जय सिंह ने कोर्ट को बताया कि यौन अपराध की पीड़ित महिलाओं को लेकर राज्य सरकारें अलग अलग मुआवजा देती है. गोवा में ये सबसे ज्यादा है 10 लाख रुपये जबकि कुछ राज्यों में महज 20 हज़ार है.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ राज्य सरकारें ऐसी है कि वो FIR के चरण पर भी मुआवज़ा देती है जिसमें मध्य प्रदेश है. जिसके बाद एमिकस इंद्रा जय सिंह ने कहा कि सज़ा को लेकर भी कुछ साफ़ नहीं है. कुछ मामलों में सज़ा 10 साल से उम्र भर है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को कोई दिशा निर्देश देने कि जरूरत है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हमें कुछ सुझाव दे ताकि हम उनको लॉ कमीशन में भेज सके.