RBI गर्वनर को दूसरा कार्यकाल देने संबंधी अर्जी पर 40,000 साइन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर रघुराम राजन की तीन वर्षीय वर्तमान कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है. उन्हें दूसरा कार्यकाल का मांग करने वाली ऑनलाइन अर्जी तेजी से लोकप्रिय हो रही है और अब तक 40,000 से ज्यादा लोगों ने इस पर साइन किए हैं.

Advertisement
RBI गर्वनर को दूसरा कार्यकाल देने संबंधी अर्जी पर 40,000 साइन

Admin

  • May 26, 2016 3:38 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर रघुराम राजन की तीन वर्षीय वर्तमान कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है. उन्हें दूसरा कार्यकाल का मांग करने वाली ऑनलाइन अर्जी तेजी से लोकप्रिय हो रही है और अब तक 40,000 से ज्यादा लोगों ने इस पर साइन किए हैं. 
 
यह अर्जी बेंगलुरू के रहने वाले राजेश पलारिया ने एक सप्ताह पहले शुरू की थी और लोगों ने तेजी से इसे समर्थन दिया और बुधवार रात तक 43,000 लोग इसका समर्थन कर चुके थे. भारतीय कॉरपोरेट जगत के कई शीर्ष नेताओं ने भी राजन के कार्यकाल के विस्तार की मांग की है. उनका कार्यकाल सितंबर के पहले हफ्ते में समाप्त हो रहा है. राजन पिछले हफ्ते तब चर्चा में आए थे जब भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उन्हें हटाने की मांग की थी और कहा था कि वे ‘दिल से भारतीय’ नहीं हैं. 
 
राजन ने इससे पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत की प्रगति वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की अनिश्चित स्थिति को देखते हुए तुलनात्मक रूप से अच्छी है, लेकिन यह अंधों में काना राजा सरीखी है. यह पूछे जाने पर कि भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में चमकता बिंदु बताया जा रहा है. राजन ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें अभी और आगे बढ़ने की जरुरत है जिसे हम संतोषजनक कह सकें. मैं कहना चाहता हूं कि अभी हमारी स्थिति अंधों में काना राजा की है.”
 
ब्रिटिश पत्रिका सेंट्रल बैंकिंग ने पिछले साल राजन को सेंट्रल बैंकर ऑफ द इयर 2015 के पुरस्कार से नवाजा था. जनवरी में राजन को फाइनेंसियल टाइम्स समूह की मासिक पत्रिका ‘द बैंकर’ ने सेंट्रल बैंकर ऑफ द इयर पुरस्कार (वैश्विक व एशिया प्रशांत क्षेत्र) 2016 से नवाजा था. 
 
राजन ने 2013 में आरबीआई का कार्यकाल संभाला था जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपने स्टिमूलस कार्यक्रम को बंद करने की मंशा जाहिर की थी. इसके बाद चालू खाते घाटे की आशंका से डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत काफी गिर गई थी. लेकिन राजन ने कई उपाय कर मुद्रा को थामने में सफलता हासिल की और निवेशकों को भी वापस लाने में कामयाबी हासिल की.
 
राजन ने अमेरिका में 2008 में आवास क्षेत्र में मंदी के कारण आनेवाली भारी मंदी की भविष्यवाणी की थी. 2011 में उन्होंने दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं के खतरे की अंदरुनी पड़ताल करते हुए लेख प्रकाशित किए थे. एनडीए की सरकार राजन के अंतर्राष्ट्रीय समझ के बारे में अवगत है और यह भी जानती है कि राजन के होने से निवेशकों को सुभिता होगी, लेकिन वह उनकी मौद्रिक नीतियों को लेकर सहज नहीं है. 

Tags

Advertisement