क्या है दिल्ली सरकार और केंद्र की महाभारत का सच

नई दिल्ली. दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीबजंग के बीच का झगड़ा अपने चरम पर पहुंच गया है. इस झगड़े में सोमवार को एक और अफसर नप गया है. दोनों के बीच तल्खी इस कद्र बढ़ गई है कि आज जहां केजरीवाल ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सर्विस) आनिंदो मजूमदार के दफ्तर में ताला लगवा दिया तो नजीबजंग ने राजेद्र कुमार की नियुक्ति रद्द कर दी.
 
इंडिया न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम टूनाईट विद दीपक चौरसिया में आज इसी विषय पर चर्चा की गयी. चर्चा में आम आदमी पार्टी की तरफ से एडवोकेट एचएस फुल्का, कांग्रेस से रागिनी नायक और बीजेपी की और से विजेंद्र गुप्ता मौजूद रहे. इसके आलावा वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने भी चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा के दौरान एचएस फुल्का जांच कराने की बात कहने से बचते हुए दिखाई दिए. आपको बता दें कि सीएम केजरीवाल ने राजेंद्र कुमार को अनिंदो मजूमदार की जगह प्रिसिपल सेक्रेटरी सर्विसेज नियुक्त किया था. आनिंदो मजूमदार वही अफसर हैं जिन्होंने दिल्ली की कार्यकारी मुख्य सचिव के बतौर शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति की फाइल आगे बढ़ाई थी. केजरीवाल ने मजूमदार की नियुक्ति को रद्द किया तो एलजी नजीब जंग ने केजरीवाल के फैसले को रद्द कर दिया. इस झगड़े के बाद आज अनिंदो मजूमदार सचिवालय पहुंचे तो उनके कमरे में ताला लगा था. अऩिंदो मजूमदार दूसरे कमरे में बैठकर काम कर रहे हैं.
 
क्या है मामला?
अफसरों पर झगड़ा इतना बढ़ गया है कि कल दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने सीधे केंद्र सरकार पर हमला कर दिया. केजरीवाल ने कहा अफसर शकुंतला गैमलिन के जरिए गड़बड़ी करना चाहती थी केंद्र सरकार. लेकिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रिजिजू ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए नॉर्थ ईस्ट की अधिकारी गैमलिन के साथ भेदभाव की बात कही है.
 
दिल्ली सरकार में बहाल जिस मुख्य सचिव के जरिये केजरीवाल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है उनकी नियुक्ति सुर्खियों में हैं. उपराज्यपाल नजीब जंग ने दो दिन पहले ही शकंतुला गैमलिन को कार्यकारी मुख्य सचिव नियुक्त किया था जिसके विरोध में केजरीवाल ने संविधान के दायरे में एलजी को काम करने की नसीहत दी थी.
 
शनिवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर तख्तापलट करने का आरोप लगाया था. रिजिजू को आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने जवाब दिया है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार की बिजली कंपनियों में 49 फीसदी हिस्सेदारी होती है. ऊर्जा सचिव, मुख्य सचिव और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कंपनी के बोर्ड में होता है. इसलिए जो भी फैसले लिए जाते हैं उनमें दिल्ली सरकार की रजामंदी होती है. दस दिनों के लिए कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति का विवाद एलजी बनाम दिल्ली सरकार से केंद्र बनाम दिल्ली सरकार हो गया है.

IANS से भी इनपुट

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