क्या कमजोर केस बनाकर लखवी को बचाएगा पाकिस्तान ?

166 लोगों की जान लेने वाले आतंकियों के आका लखवी को पाकिस्तान के पूर्व आंतरिक सुरक्षा मंत्री रहमान मलिक ने 26/11 का मास्टरमाइंड माना था. लखवी को उसके 6 साथियों समेत पाकिस्तान में गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन मुकदमे की सुनवाई लटकाई जाती रही. और 2014 के पेशावर आर्मी स्कूल पर आतंकी हमले के कुछ ही दिनों बाद लखवी को जमानत भी मिल गई. लखवी अब भी बाहर है, जबकि उसके 6 साथी अडियाला जेल में हैं.

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क्या कमजोर केस बनाकर लखवी को बचाएगा पाकिस्तान ?

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  • May 22, 2016 3:11 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. 166 लोगों की जान लेने वाले आतंकियों के आका लखवी को पाकिस्तान के पूर्व आंतरिक सुरक्षा मंत्री रहमान मलिक ने 26/11 का मास्टरमाइंड माना था. लखवी को उसके 6 साथियों समेत पाकिस्तान में गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन मुकदमे की सुनवाई लटकाई जाती रही. और 2014 के पेशावर आर्मी स्कूल पर आतंकी हमले के कुछ ही दिनों बाद लखवी को जमानत भी मिल गई. लखवी अब भी बाहर है, जबकि उसके 6 साथी अडियाला जेल में हैं. 
 
पाकिस्तान अब तक एक ही रट लगाता रहा है कि लखवी और उसके साथियों के खिलाफ भारत ने ठोस सबूत मुहैया नहीं कराए, लेकिन अब जब खुद पाकिस्तान की कोर्ट ने लखवी के खिलाफ आरोप तय किए हैं, तो इससे एक बात तो साफ हो गई है कि 26/11 के आतंकी हमलों में लखवी और 6 दूसरे मुल्जिमों की भूमिका पाकिस्तान ने मान ली है. 
 
हालांकि आरोप तय करने के साथ ही पाकिस्तान ने आरोप भी मढ़ दिया है कि भारत सहयोग नहीं कर रहा, इसलिए मुकदमे के ट्रायल में देरी हो रही है. वहीं भारत में किसी को उम्मीद नहीं है कि पाकिस्तान 26/11 के दोषियों को सज़ा देगा. लखवी और उसके साथियों पर जो आरोप तय हुए हैं, उनसे भी ये सवाल बड़ा हो गया है कि क्या लखवी को बचाने के लिए केस को कमज़ोर बना दिया गया है.
 
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