आदेश को लागू करने के लिए सभी अभिहित अधिकारी (लाइसेंसी अधिकारी) व खाद्य संरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. साथ ही जिला प्रशासन को भी इस कार्य में सहायता के लिए अनुरोध किया गया है. लाइसेंसी अधिकारी व खाद्य संरक्षा अधिकारी पूरे बिहार में गुटखा एवं पान -मसाला (तम्बाकू व निकोटीन युक्त) पर रोक के लिए छापेमारी करेंगे.
निरीक्षण व छापेमारी के दौरान दोषी पाए गए संबंधित व्यक्तियों पर खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि नशीले पदार्थों को लेकर कदम उठा रही नीतीश सरकार ने बिहार में 1 अप्रैल से देशी शराब पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन 5 अप्रैल को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि ‘बिहार में देसी और विदेशी, दोनों तरह की शराब नहीं मिलेगी. इसके बाद सभी बार और विदेशी शराब की दुकानों को सील कर दिया गया था.
बिहार उत्पादक विधेयक भी पारित
बता दें कि बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में बिहार उत्पाद विधेयक 2016 को सर्वसम्मति से पारित किया जा चुका है. इसके साथ ही बिहार के विधायकों और मंत्रियों ने संकल्प लिया कि था शराब न पीएंगे और न लोगों को इसे पीने के लिए प्रेरित करेंगे.
इस विधेयक के मुताबिक प्रदेश में शराब के उत्पादन और उसकी बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने के साथ मिलावटी या जहरीली शराब से किसी की मौत होने पर उसे बनाने और बेचने वालों को मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है.