लखनऊ. सपा के वरिष्ठ नेता और यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने पार्टी की ओर से अमर सिंह को राज्यसभा में टिकट मिलने को लेकर दबे शब्दों में नाराजगी जताई है. आजम खान ने इसे एक दुखद प्रकरण बताया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव पार्टी के मालिक हैं और उनके फैसले के आगे किसी का कोई अधिकार नहीं बनता है. सूत्रों की मानें तो पार्टी की संसदीय बोर्ड की मीटिंग में मुलायम के भाई रामगोपाल यादव और मंत्री आजम खान ने अमर सिंह का विरोध किया था, लेकिन मुलायम के आगे उनकी नहीं चली.
आजम खान ने क्या कहा?
अमर सिंह के सपा में वापस आने पर उनके धुर विरोधी कहे जाने वाले आजम खान ने पार्टी में उनकी वापसी को दुखद प्रकरण बताया. अमर सिंह की पार्टी में वापसी और राज्यसभा भेजे जाने के बाद आजम रामपुर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि जहां तक इस मामले में मैं समझता हूं कि ये एक दुखद प्रकरण है. लेकिन नेता जी पार्टी के मालिक है. लिहाजा मालिक के फैसले के आगे किसी का कोई अधिकार नहीं बनता है. पार्टी में अब जयाप्रदा की वापसी के सवाल पर पर आजम बोले जो किस्मत में लिखा होगा वह मान लिया जाएगा.
अमर सिंह के साथ 5 नामों का ऐलान
अमर सिंह के साथ-साथ हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आए बेनी प्रसाद वर्मा को भी राज्यसभा भेजा जाएगा. सपा ने मंगलवार को इनके अलावा पांच अन्य नामों का भी ऐलान किया. ऊपरी सदन जाने वालों की लिस्ट में संजय सेठ, अरविंद प्रताप सिंह. सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह और विश्वंभर प्रसाद निषाद के नाम भी शामिल हैं. बता दें कि मुलायम सिंह के सबसे करीबी रहे अमर सिंह को 2010 में पार्टी से निकाल दिया गया था.