मुंबई. साध्वी प्रज्ञा और पांच अन्य आरोपियों को साल 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पिछले सप्ताह दी गई क्लीन चिट की ओर इशारा करते हुए शिवसेना ने कहा कि ‘हिंदुत्व’ और ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ को आतंकवाद से जोड़ना सही नहीं है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में संपादकीय लेख में लिखा है, “पाकिस्तान की मदद से कुछ मुसलमान कट्टरपंथियों द्वारा आतंकवाद की साजिश का दमन करने के बजाय अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टिकरण के लिए हिंदू आतंकवाद का हौवा खड़ा किया गया है.”
लेख के मुताबिक, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल एस. पुरोहित तथा ऐसे अन्य राष्ट्रवादियों को महाराष्ट्र तथा केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने आतंकवाद के मामले में जान बूझकर फंसाया था. शिवसेना ने कहा, “लेकिन, वे इस बात का अहसास करने में नाकाम रहे कि ऐसा करके वे पाकिस्तान के हाथों को मजबूत कर रहे हैं. जब भी भारत ने आतंकवादियों को भारत को सौंपने की मांग की, तब पुरोहित जैसे लोगों को सौंपने की मांग करने के लिए पाकिस्तान का हौसला बढ़ा. पाकिस्तान को यह सुनहरा मौका कांग्रेस ने थाल में सजा कर दिया.”
संपादकीय में लिखा गया है कि पाकिस्तान ने तो यहां तक दावा किया कि भारत में हुए आतंकवादी हमलों में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है और पलट कर आरोप लगाया कि इन आतंकवादी हमलों के पीछे हिंदू आतंकवादियों का हाथ है.
शिवसेना ने कहा, “स्पष्ट तौर पर ऐसी परिस्थितियां मालेगांव विस्फोट मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पैदा हुईं. पी.चिंदबरम, शरद पवार तथा दिवंगत आर.आर.पाटिल जैसे नेताओं ने सीना ठोककर कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्होंने आतंकवाद को भगवा रंग दिया.”
अपने ही देश में हिंदुओं को बदनाम करने की मंशा पर सवाल उठाते हुए शिवसेना ने कहा कि हमारे हिंदू पाकिस्तान या अफगानिस्तान के मुसलमानों की तरह कट्टरपंथी नहीं हैं और वे अपने ही देश का विनाश नहीं करेंगे. संपादकीय में कहा गया है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पिछली सरकार ने जांच एजेंसियों को आतंकवाद के नाम पर पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा जैसे हिंदू राष्ट्रवादियों को फंसाने का दबाव डाला और उनके जीवन के आठ साल की अवधि को बर्बाद किया, लेकिन अब वे निर्दोष साबित हो चुके हैं.
शिवसेना ने संपादकीय में मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी 21 निर्दोष मुसलमानों की दोषमुक्ति का भी स्वागत किया और कहा, “सच्चाई तो यही है कि इस हमले को अंजाम देने वाले लोग पाकिस्तान भागने में कामयाब रहे.”