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ISRO रचेगा इतिहास, स्वदेशी स्पेस शटल लॉन्च की तैयारी!

ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) विश्व में इतिहास रचने जा रहा है. इसरो अपने अब तक के सफर में पहली बार स्पेस शटल के स्वदेशी स्वरूप को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यह पूरी तरह से मेड इन इंडिया प्रयास है. एक SUV के वजन और आकार वाले एस शटल को रविवार श्रीहरिकोटा में अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद लॉन्च से पहले की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी.

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  • May 15, 2016 8:43 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) विश्व में इतिहास रचने जा रहा है. इसरो अपने अब तक के सफर में पहली बार स्पेस शटल के स्वदेशी स्वरूप को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यह पूरी तरह से मेड इन इंडिया प्रयास है. एक SUV के वजन और आकार वाले एस शटल को रविवार श्रीहरिकोटा में अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद लॉन्च से पहले की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी.
 
दूसरे बड़े देश फिर से इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्रक्षेपण यान के विचार को खारिज कर चुके हैं. लेकिन भारत के इंजिनियरों का मानना है कि उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित करने की लागत को कम करने का उपाय यही है कि रॉकेट को दोबारा इस्तेमाल किए जाने लायक बनाया जाए.
 
इसरो के वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकी सफल होती है तो वे अंतरिक्षीय प्रक्षेपण की लागत को 10 गुना कम करके 2,000 डॉलर प्रति किलो पर ला सकते हैं सब ठीक चलने पर भारत में मानसून आने से पहले ही आंध्रप्रदेश में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित भारतीय अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से स्वदेश निर्मित रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल- टेक्नोलॉजी डेमोनस्ट्रेटर (पुन: प्रयोग योग्य प्रक्षेपण यान- प्रौद्योगिकी प्रदर्शक) यानी आरएलवी-टीडी का प्रक्षेपण हो सकता है. यह पहला मौका होगा, जब इसरो डेल्टा पंखों से लैस अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित करेगा. प्रक्षेपण के बाद यह बंगाल की खाड़ी में लौट आएगा.
 

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