नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) मामले में स्टूडेंट मूवमेंट को लेकर एक नया खुलासा सामने आया है. रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) देशभर में चल रहे छात्र अभियान का फायदा उठाना चाहता था. आईएसआईएस की ओर से छात्र प्रदर्शनों में शामिल होकर स्टूडेंट्स को भड़का कर देश में अशांति का माहौल बनाने की योजना बनाई गई थी. एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा भारत में आईएसआईएस से जुड़े संगठन जुनुद अल-खलीफा-ए-हिंद (जेकेएच) के लिए भर्ती हुए 3 संदिग्ध आतंकियों ने किया है.
बता दें जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार के अरेस्ट होने के बाद देश के कई शहरों में आंदोलन शुरू हो गए थे. कन्हैया को जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के केस में अरेस्ट किया गया था.
‘मूवमेंट में आगजनी की थी योजना’
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीनों संदिग्धों के नाम आशिक अली उर्फ राजा, मोहम्मद अब्दुल अहद और मोहम्मद अफजल हैं. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक आईएसआईएस के रिक्रूटर अहमद अली ने हुगली के 19 साल के आशिक अली से कहा था कि वह स्टूडेंट आंदोलन का फायदा उठाए और गाड़ियों और ऑयल टैंकर में आग लगा दे.
NIA ने पहली बार रिकॉर्ड किया बयान
सूत्रों की मानें तो एनआईए ने आईएस के तीन संदिग्ध का बयान पहली बार रिकॉर्ड किया है. आशिक ने एनआईए को पूछताछ में यह भी बताया है कि उनसे नक्शा बनाना, छिपकर रहने और तैराकी सीखने के लिए भी कहा गया था. साथ ही साथ उन्हें इंडियन मुजाहिद्दीन के पूर्व सरगना यासीन भटकल को जेल से छुड़ाने का टारगेट भी दिया गया था. आशिक अली ने अपने बयान में यह भी कहा कि अहमद अली खुद को अंसार-उत-तवाहिद फी बिलाद-अल-हिंद का चीफ बताता था.