चंडीगढ़. हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पुलिस और प्रशासन की भूमिका की जांच करने के लिए बनी प्रकाश सिंह जांच समिति ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. समिति ने 90 अफसरों को दोषी पाया है लेकिन उनपर कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ दिया गया है. अपनी ओर से कोई सिफारिश नहीं की गई.
आईपीसी प्रकाश सिंह न पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि कमेटी का काम सिर्फ अधिकारियों की भूमिका की जांच करना था. उन्होंने क्षेत्रों में तैनात रहे अधिकारियों से पूरी बातचीत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है.
प्रकाश सिंह कमेटी ने 414 पन्नों की रिपोर्ट तैयार करने के अलावा सरकार को 37 पन्नों की गोपनीय रिपोर्ट भी दी है. रिपोर्ट देने से पहले कमेटी ने करीब डेढ़ सौ वीडियो देखे, सवा दो हजार चश्मदीद गवाहों से बात की, 395 लोगों के बयान दर्ज किए और सब इंस्पेक्टर से लेकर डीसी तक से पूछताछ की. लेकिन दोषी अफसरों पर कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ दिया.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि रिपोर्ट मिल गई है और सरकार जल्द ही उचित कार्रवाई करेगी. कांग्रेस पूरी कमेटी की नीयत पर सवाल उठा रही है. पार्टी प्रवक्ता रंदीप सुरजेवाला का कहना है कि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा ने आर्थिक नुकसान ही नहीं पहुंचाया, पूरे हरियाणा की साख खराब की है.