नई दिल्ली. सर्विल सर्विसेज परिक्षा 2015 का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को घोषित हो गया है. इस बार दिल्ली की अभ्यर्थी टीना डाबी ने पूरे देश में टॉपर रहीं. वहीं दूसरे नम्बर पर जम्मू-कश्मीर के अतहर आमिर उल शफी खान रहे. जसमीत सिंह संधू को तीसरा स्थान मिला.
परिणाम घोषित होने के बाद से जहां तीनों टॉपर्स के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है, तो वहीं वह कई परिक्षार्थियों के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं. इंडिया न्यूज़ को दिए अपने इंटरव्यू में देश के टॉपर्स ने अपनी सफलता की कहानी बताई है.
धीरज रखना है सबसे ज्यादा जरूरी: टीना डाबी
पहले स्थान पर रही 22 साल की टीना का कहना है कि इस परीक्षा के लिए धीरज रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस की इस छात्र ने कहा है कि इस परीक्षा के लिए बहुत ज्यादा वक्त देना पड़ता है, जिसके लिए धीरज रखना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘ये बहुत लंबे समय की प्रक्रिया है. पूरे एक साल तक की पढ़ाई इसमें काम आती है. अंत तक एक आशा बनाए रखना, धीरज बनाए रखना बहुत जरूरी है, ये सबसे मुश्किल का काम होता है और सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण भी’.
उन्होंने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षा है. यहां अलग-अलग स्ट्रीम के लोग पेपर देने बैठते हैं, अलग-अलग उम्र के लोग इस परीक्षा में अपनी किस्मत आजमाते हैं, यही सोच-सोच कर डर लगता था. उन्होंने कहा, ‘इतने सारे लोगों से प्रतिस्पर्धा है यही बात सबसे ज्यादा डरावनी थी. कैसे इतने सारे लोगों के होते हुए पढ़ते रहना है. ये बहुत बड़ा चैलेंज है’. उन्होंने कहा कि वह पहले स्थान पर रहेंगी ऐसा कभी सोचा भी नहीं था.
प्रॉपर स्टडी प्लान बनाने से मदद मिली: अतहर आमिर
दूसरे स्थान पर रहने वाले अतहर आमिर ने अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कहा कि उन्हें प्रॉपर स्टडी प्लान बनाने से काफी मदद मिली. उन्होंने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने एक टाइम टेबल बनाया था, जिसका उन्होंने बहुत कड़ाई से पालन किया था.
अतहर ने कहा कि कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘कॉलेज के बाद जब भी समय मिलता था दिन में दो से चार घंटे पढ़ाई में देता था. शनिवार और रविवार को पूरे दिन पढ़ाई करता था. लेकिन यह ज्यादा जरूरी नहीं है कि आप कितना समय दे रहे हैं पढ़ाई को, जरूरी यह है कि कितना क्विलिटी टाइम आप दे रहे हैं’.
हर काम में सादगी ही सफलता का मंत्र :जसमीत सिंह संधू
तीसरे टॉपर रहे दिल्ली के जसमीत सिंह संधू ने कहा है कि हर काम में सादगी रखना ही उनकी सफलता का मूल मंत्र था. लगातार चौथे बार यूपीएससी की परीक्षा देने वाले संधू का कहना है कि हमेशा से दिमाग में यह ही रखा था कि एक दिन आईएएस ऑफिसर बनना ही है. संधू का जहां यह चौथी कोशिश थी वहीं यह उनका चौथा इंटरव्यू भी था.
बता दें कि दिसम्बर 2015 मेंस एग्जाम के बाद मार्च और मई में इंटरव्यू और पर्सनालिटी टेस्ट हुआ था जिसके बाद अपॉइंटमेंट के लिए आज फाइनल लिस्ट जारी की गई. सभी चयनित उम्मीदवारों को उनके मेरिट के हिसाब से इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज, इंडियन फॉरेन सर्विसेज, इंडियन पुलिस सर्विसेज और सेंट्रल सर्विसेज के ग्रुप A और ग्रुप B में नियुक्ति दी जायेगी.