नई दिल्ली. जेएनयू विवाद को लेकर मिली सजा के खिलाफ भूख हड़ताल कर रहे छात्रों की मांग पर विचार करने के लिए एक चार सदस्यीय समिति बनाई गई है. जेएनयू ने एक बयान में कहा है कि कुलपति ने रेक्टर-1, रेक्टर-2, छात्रों के डीन और रजिस्ट्रार की सदस्यता वाली एक टीम बनाने का फैसला किया है, जो भूख हड़ताल कर रहे छात्रों और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों पर विचार करेगी.
बता दें कि जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) और विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र भूख हड़ताल कर रहे छात्रों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे हैं.
‘शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए ही समाधान’
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बयान में यह भी कहा गया है कि सिर्फ शांतिपूर्ण वार्ता और चर्चा के जरिए ही समाधान तलाशे जा सकते हैं और ऐसे कदमों से नहीं जिससे किसी की सेहत और परिसर के शैक्षणिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े.
हड़ताल खत्म करने की अपील
इसके अलावा प्रशासन ने एक बार फिर से हड़ताल कर रहे छात्रों से अपील करते हुए कहा है कि वे अपनी हड़ताल खत्म करें और अपनी मांगों पर चर्चा के लिए आगे आएं. हालांकि वहीं जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि प्रशासन से बातचीत करने या न करने के मुद्दे पर उसने अभी फैसला नहीं किया है.
9 छात्र खत्म कर चुके हैं अनशन
अब तक जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत नौ छात्र अनशन खत्म कर चुके हैं, जबकि 11 अन्य छात्र अब भी भूख हड़ताल कर रहे हैं. उनके अनशन को आज 13वां दिन है.