NSG कमांडोज का ‘पराक्रम’, सुदर्शन चक्र की तरह मिनटों में दुश्मन खत्म

नई दिल्ली. कहने को तो सुदर्शन चक्र का रहस्य पांच हजार साल पुराना है. कृष्ण के हाथ में घूमता सुदर्शन चक्र दुश्मनों के लिए काल का दूसरा नाम था. वो अचानक प्रकट होता था और दुश्मन की गर्दन काटकर दोबारा गायब हो जाता था. न तो उसके आने का कोई पता चलता और न ही दुश्मन की गर्दन उतारने के बाद कोई सुराग मिलता. ऐसी ही शक्ति है हिंदुस्तान के पास है एक ऐसी टुकड़ी जो सुदर्शन चक्र की ही तरह आती है और दुश्मन की गर्दन उतारकर वापस लौट जाती है. न दुश्मन इन्हें आता देखता है और न ही इनका कोई सुराग पाता है.
सुदर्शन की तरह अचानक आते हैं NSG कमांडोज
NSG के कमांडोज सुदर्शन चक्र की तरह अचानक आते हैं. दुश्मन के खेमे का पलक झपकते ही सफाया करते हैं और फिर अपने हेडक्वार्टर्स में लौट जाते हैं. अपने पीछे वो सिर्फ दुश्मनों की लाश और एक चेतावनी छोड़ते हैं कि हिंदुस्तान की तरफ देखना मतलब जान से हाथ धो बैठना है. जब जब हिंदुस्तान की तरफ दुश्मनों की निगाहें टेढ़ी हुई हैं. तब तब NSG के कमांडोज़ ने उनकी गर्दन काटी है.
मुंबई हमलों में दिखाया था कारनामा
मुंबई में आतंकियों ने हमला कर दिया. पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी मुंबई में घुसे और एक साथ कई जगहों पर हमला कर दिया था. सारे देश की उम्मीदें अब आसमान से उतरे इन फरिश्तों पर टिक गईं. काले कपड़ों में उतरे इन फरिश्तों ने 26 से 29 नवंबर तक बिना थके. बिना रुके, बिना पीछे हटे आतंकियों से लोहा लिया. उनका सफाया किया और फिर वापस लौट गए. NSG कमांडोज ने 9 आतंकियों को मार गिराने के अलावा ओबराय होटल से 250 लोगों ताज़ होटल से 300 लोगों और नारीमन हाउस से 60 लोगों को बचाया.
कब हुआ गठन?
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद NSG का गठन किया गया था. ताकि देश के अंदर आतंकी गतिविधियों से निपटा जा सके. NSG का इस्तेमाल एक्सट्रीम स्थितियों में ही किया जाता है. NSG के कमांडोज का पराक्रम ऐसा होता है कि हथियार के साथ तो वो 100-100 दुश्मनों पर भारी पड़ते ही हैं. लेकिन निहत्थे भी वो आसानी से 10-10 दुश्मनों को ठिकाने लगा सकते हैं.
कैसे बनते हैं NSG कमांडो?
NSG का कमांडो बनना दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक है. इसकी ट्रेनिंग ऐसी है कि हर 100 जवान में से 70 से 80 जवान ट्रेनिंग की मुश्किल के सामने घुटने टेक देते हैं और NSG ट्रेनिंग से नाम वापस ले लेते हैं. ये पूरी दुनिया में किसी भी ट्रेनिंग का सबसे ज्यादा ड्रॉप आउट रेट है तो सोचिए ये ट्रेनिंग क्या होती होगी जिसमें पहले से ही ट्रेंड जवान भी घुटने टेक देते हैं. NSG के इन ब्लैक कैट कमांडोज की ट्रेनिंग इसलिए भी इतनी सख्त होती है क्योंकि ये अदृश्य दुश्मनों से लड़ते हैं. आतंकवादी किसी भी भीड़ का हिस्सा हो सकते हैं. ब्लैक कैट कमांडोज़ को इनके आने या जाने का कोई सुराग नहीं मिलता लेकिन इस अंधी लड़ाई में भी हमेशा ये विजेता साबित होते हैं.
वीडियो पर क्लिक करके देखिए पूरा शो
admin

Recent Posts

हाथ में संविधान लेकर घूमते हैं राहुल, संविधान दिवस पर मोमेंटो के साथ कर दी ऐसी हरकत, शर्मसार हुए खड़गे

हरिवंश ने सभी नेताओं के साथ राहुल गांधी को भी मोमेंटो दिया। जैसे ही यह…

2 minutes ago

उत्पन्ना एकादशी के व्रत में इन चीजों का ही करें सेवन, ये खास नियम न करें नजरअंदाज

उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत भगवान विष्णु…

3 minutes ago

श्रेयस अय्यर IPL के इतिहास में दूसरे सबसे मंहगे खिलाड़ी, सात साल में 10 गुना बढ़ गई सैलरी

श्रेयस अय्यर जब पहली बार दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेले, तब उन्हें 2.60 करोड़ रुपये…

3 minutes ago

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की तबीयत बिगड़ी, चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती

आरबीआई गवर्नर के तौर पर शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को खत्म होने…

7 minutes ago

इन 5 हेल्थ प्रॉब्लम की दुश्मन है ये खास चीज, सर्दियों में खाने से मिलेंगे कई फायदे

ठंड में खांसी, जुकाम, जोड़ों का दर्द, पाचन समस्याएं और इम्यूनिटी कमजोर होने जैसी परेशानियां…

24 minutes ago

जम्मू-कश्मीर में पहली बार मनेगा सविंधान दिवस, LG मनोज सिन्हा और CM उमर के मंत्री पढ़ेंगे प्रस्तावना

जम्मू-कश्मीर में पहले अपना संविधान और ध्वज लागू था. वहां की सरकार का नाम प्रधानमंत्री…

37 minutes ago