नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में एक तरफ डीजल टैक्सियों को लेकर विवाद चल रहा है. दूसरी तरफ ऑड-ईवन पार्ट-2 के दौरान प्रदूषण के आंकड़ों को लेकर भी बहस शुरू हो गई है.
अरविंद केजरीवाल ने माना है कि प्रदूषण कम करने के लिए ऑड-ईवन स्थायी समाधान नहीं है. इस बीच CSE का दावा है कि प्रदूषण कम हुआ लेकिन बाकी संस्थाओं ने प्रदूषण बढ़ने का दावा किया.
दूसरी तरफ टैक्सी बैन से परेशानियां उठ रही हैं जिसमें डीजल टैक्सी बैन मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इससे कॉल सेंटर सेक्टर प्रभावित हो रहा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के बैन से NCR के 27 हजार डीजल टैक्सी चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट है.
सवाल उठ रहा है कि क्या दिल्ली के प्रदूषण के लिए सिर्फ कार/टैक्सी ही जिम्मेदार हैं? इंडिया न्यूज के खास शो बीच बहस में पेश है इस अहम मुद्दे पर चर्चा.
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