नई दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को स्टिंग मामले में पेश होने के लिए समन जारी किया है. हरीश रावत इस स्टिंग में ये कहते हुए पाए गए थे कि वो सरकार बचाने के लिए उनके पास बहुत पैसे तो नहीं हैं लेकिन वो कुछ रियायतें दे सकते हैं. उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन फिलहाल जारी है और सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति शासन हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई चल रही है. रावत से 9 मई को पूछताछ होगी.
वीडियो में होने की बात स्वाकारी थी
पूर्व सीएम हरीश रावत ने वीडियो में मौजूद होने की बात स्वीकार की थी और कहा था कि एक पत्रकार से मिलना अपराध नहीं है. हालांकि अब तक वे इस सीडी को फर्जी बताते हुए इसकी वैधता को चुनौती देते रहे हैं. हरीश रावत ने देहरादून में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कहा, ‘क्या किसी पत्रकार से मिलना कोई अपराध है? तब तक तकनीकी रूप से अयोग्य घोषित नहीं हुए विधायकों में से किसी ने भी मुझसे बातचीत की तो इससे क्या फर्क पड़ता है? राजनीति में क्या किसी चैनल को हम बंद कर सकते हैं?’
क्या था मामला?
बता दें कि उत्तराखंड में 27 मार्च से राष्ट्रपति शासन लागू है. जिसको लेकर अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अब इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी. कांग्रेस के 9 विधायकों ने अपनी ही सरकार से बगावत कर दी थी. जिसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.