नई दिल्ली. राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सदन के सदस्य विजय माल्या का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. माल्या पर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज नहीं चुकाने का आरोप है. सदन की आचार समिति ने पहले माल्या को सदन की सदस्यता से बर्खास्त करने का सुझाव दिया था, क्योंकि मंगलवार को मिले माल्या के इस्तीफे में उनके वास्तविक हस्ताक्षर नहीं थे. राज्यसभा के सूत्रों के मुताबिक, सदन द्वारा आचार समिति की तत्काल प्रभाव से माल्या को बर्खास्त करने की सिफारिश पर फैसला लेने से पहले ही माल्या ने दूसरा इस्तीफा सभापित हामिद अंसारी को भेज दिया.
‘माल्या का त्यागपत्र स्वीकार किया’
सदन के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने सदन में कहा, ‘राज्यसभा चार मई के प्रभाव से विजय माल्या का त्यागपत्र स्वीकार करता है.’ आचार समिति ने मंगलवार को हुई बैठक में माल्या को बर्खास्त करने की सिफारिश करने का फैसला किया था. समिति के अध्यक्ष कर्ण सिंह ने बुधवार को समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की. रिपोर्ट में कहा गया है, “सख्त कार्रवाई करने से आम लोगों में यह संदेश जाएगा कि संसद इस महान संस्था की गरिमा और सम्मान को बरकरार रखने के लिए अपने बुरे सदस्य के विरुद्ध ऐसे कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.’
’30 जून, 2016 को समाप्त होने वाला था कार्यकाल’
राज्यसभा सदस्य के रूप में माल्या का कार्यकाल 30 जून, 2016 को समाप्त होने वाला था. माना जा रहा है कि उन्होंने ब्रिटेन में शरण ले रखी है. बैंकों द्वारा बकाए का भुगतान करने का दबाव बढ़ाने के बाद माल्या दो मार्च को भारत से बाहर चले गए थे. प्रवर्तन निदेशालय के सामने जांच के लिए उपस्थित नहीं होने पर उनका पासपोर्ट पहले ही रद्द कर दिया गया है. माल्या पहली बार 2002 में राज्यसभा में सदस्य चुने गए थे. दूसरी बार 2010 में वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सदन के सदस्य चुने गए थे.
9000 करोड़ के कर्ज में डूबे हैं माल्या
विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस, युनाइटेड ब्रेवेरीज होल्डिंग्स और किंगफिशर फिनवेस्ट इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में लोन चुकाने के लिए ऑफर के दस्तावेज जमा किए थे. गौरतलब हो कि विजय माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस ने 17 बैंको से 9000 करोड़ का कर्ज लिया था.
माल्या अब भी विदेश में
अदालत द्वारा बैंक से माल्या के मौजूदा ठिकानों के बारे में पूछे जाने पर बैंक ने कहा कि माल्या अब भी विदेश में हैं और भारत से लंदन जाने के बाद उन्होंने बैंक के अधिकारियों के साथ दो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दो मुलाकातें भी की थीं. माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों के गठजोड़ का 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. अकेले एसबीआई को ही कंपनी से 1,600 करोड़ रुपये से अधिक वसूलने हैं.