नाकामी छुपाने के लिए सरकार ने अगस्ता मामले को दिया तूल: कांग्रेस

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मुद्दे पर आज राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा है कि कांग्रेस को बिना वजह घसीटा जा रहा है, सबसे पहले सरकार जांच सामने लाए. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए अगस्ता मामले को तूल दे रही है. उन्होंने कहा कि रक्षा डील में वक्त लगना स्वभाविक है.

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नाकामी छुपाने के लिए सरकार ने अगस्ता मामले को दिया तूल: कांग्रेस

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  • May 4, 2016 1:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मुद्दे पर आज राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा है कि कांग्रेस को बिना वजह घसीटा जा रहा है, सबसे पहले सरकार जांच सामने लाए. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए अगस्ता मामले को तूल दे रही है. उन्होंने कहा कि रक्षा डील में वक्त लगना स्वभाविक है. उन्होंने कहा कि यूपीए को गैर-जिम्मेदार तरिके से घेरा जा रहा है साथ ही कांग्रेस का नाम बदनाम किया जा रहा है. 
 
स्वामी ने लगाए ये आरोप
 
1. स्वामी ने कहा कि यूपीए सरकार में जानबूझकर नियमो को तोड़ा-मरोड़ा गया. उन्होंने कहा कि नेवी का अकेला अधिकारी इतना बड़ा घोटाला नहीं कर सकता है. 
 
2. इटली में जिन लोगों ने सौदे के लिए घूस दी वे जेल में हैं. कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया इस सरकार में शुरू हुई है.  
 
3. मुझे नहीं लगता कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने एके एंटनी को नजरअंदाज किया. उन्‍होंने सवालिया लहजे में पूछा कि वह कौन सी ताकत थी जिसने तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी को खरीदी से संबंधित शर्त बदलने को मजबूर किया. 
 
4. क्रिस्चियन मिशेल ने हाथ से लिखा पत्र इस बात की ओर इशारा करता है कि कांग्रेस के कई नेता इस मामले में सीधे तौर पर लिप्त है. बिचौलिये हश्के के हाथ से लिखे नोट से भी यह बात साफ होती है कि भारत में करोड़ो रूपए घूस के तौर पर दिये गए.
 
5. मनमोहन सिंह का नाम इस मामले में आने के बाद इटली की कोर्ट के जज ने कहा कि हमें भारत सरकार की ओर से कोई भी दस्तावेज नहीं दिया गया. ऐसे में किसके फैसले के बाद यह किया गया यह बात सामने आनी चाहिए.
 
6. वास्तविक डील से छह गुना ज्यादा कीमत पर इस डील को किया गया. 4577 करोड़ रुपए में इस डील को किया गया. डीलिंग कमेटी ने इस राशि को बेस राशि के तौर पर निर्धारित किया. लेकिन ऑगस्ता ने कहा कि हमें सिर्फ 3000 करोड़ रुपए की जरूरत है, ऐसे में मोलभाव की जरूरत क्या है.
 
7. हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे, लेकिन जब यह सुनिश्चित हो गया कि आगस्ता से ही खरीदा जाना है तो चार और हेलीकॉप्टर को खरीदे जाने का फैसला लिया गया. ऐसे में वो कौन अतिरिक्त वीवीआईपी थे जिनके लिए यह खरीदा गया. इसके लिए सरकार ने 1200 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिये.
 
8. जिस हेलीकॉप्टर को खरीदना था उसका ट्रायल किये जाने की बजाए दूसरे हेलीकॉप्टर का ट्रायल किया गया और जिस हेलीकॉप्टर को खरीदा गया उसे ट्रायल में पास दिखाया गया.
 
9. केबिन हाईट का अंतर्राष्ट्रीय नियम 1.7 मीटर है, लेकिन भारतीय कम हाइट के होते हैं, इसलिए इसे 1.45 मीटर किया गया था. लेकिन जानबूझकर इसकी उंचाई को 1.8 मीटर किया गया ताकि बाकि के टेंडर्स को बाहर किया जा सके. ऐसे में जो भी अधिकारी ये मंत्री इसमें लिप्त हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

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