बेंगलुरू. आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने पाकिस्तानी नागरिक मलाला यूसुफजई को बिना काम के नोबेल पुरस्कार मिलने वाले बयान को अपरोक्ष रूप से सही ठहराते हुए कहा है कि कई बार कड़वा सच का लोग मजाक उड़ाते हैं. श्रीश्री ने सोशल मीडिया पर अपनी आलोचना को लेकर चुटकी ली है कि अगर आप मज़े ले रहे हो तो मुझे भी मज़ा आ रहा है.
मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने पर श्रीश्री के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर श्रीश्री की आलोचना हो रही है. श्रीश्री ने इन्हीं आलोचना के मद्देनजर अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, “जब सच कड़वा हो और उसे पचाना मुश्किल हो तो कई बार लोग उसका मजाक उड़ाते हैं. मैं अपनी सारी आलोचना का स्वागत करता हूं. सुनने में अजीब लगेगा- आपको मज़ा आ रहा है तो मुझे भी मज़ा आ रहा है.”
असल में आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्रीश्री रविशंकर ने लातुर में 30 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पाकिस्तान में तालिबान के हमले झेल चुकीं मलाला यूसुफजई को नोबेल पुरस्कार बिना किसी काम के ही मिल गया. इस बयान पर सोशल मीडिया में श्रीश्री की काफी आलोचना हो रही थी.
आर्ट ऑफ लिविंग ने इस विवाद पर सफाई दी लेकिन मलाला को लेकर उस सफाई में भी श्रीश्री की तरफ से यही कहा गया कि मलाला को बिना किसी काम के नोबेल मिल जाने से ऐसा लगता है कि नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुछ खास करने की जरूरत नहीं है.