नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में डीजल कैब पर 1 मई से लागू रोक की वजह से मची अफरातफरी के बीच दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए केजरीवाल सरकार से डीजल कैब को हटाने का रोडमैप मांगा है.
दिल्ली सरकार ने पिछले दो-तीन दिन से डीजल कैब पर पाबंदी की वजह से लोगों को हो रही दिक्कत और कैब वालों के आंदोलन के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट से फैसले पर अमल में कुछ ढिलाई की अपील की थी ताकि वो अल्टरनेट अरैंजमेंट कर सके.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि उसे डीजल कैब को हटाने के रोडमैप के साथ कोर्ट के पास आना चाहिए. कोर्ट ने पूछा है कि सरकार के पास तत्काल और लंबे समय के लिए क्या-क्या प्लान हैं. कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपना प्रस्ताव दे तो कोर्ट बुधवार को इस मामले को फिर सुनेगा.
1998 से कोर्ट का आदेश नहीं मान रहे लोगों को नतीजा भुगतने दीजिए- कोर्ट
कोर्ट ने डीजल गाड़ियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि 1998 से कोर्ट के आदेश के बावजूद अगर लोग डीजल कैब खरीद रहे हैं तो उन्हें भुगतने दीजिए क्योंकि डीजल ऐसा इंधन नहीं है जिसे हम सपोर्ट करें.
कोर्ट से दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली में डीजल कैब का रजिस्ट्रेशन बंद किया जा चुका है और सरकार प्रदूषण से लड़ने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है.
सरकार ने ऑड-ईवन योजना का भी हवाला दिया और कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश के पालन के लिए तैयार है लेकिन इस आदेश से शहर के लोगों को फौरी तौर पर दिक्कत हो रही है. सरकार ने कहा कि वो कोर्ट के आदेश के मुताबिक टेंटेटिव प्लान के साथ आ रही है.