नई दिल्ली. अगस्ता डील पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि पैसा किसने लिया है? कांग्रेस को जवाब देना ही होगा. उन्होंने कहा कि इटली की अदालत से साफ है कि 125 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी.
पर्रिकर ने कहा, ‘सबसे बड़ा सवाल यह है कि पैसा किसने लिया है. इस सवाल का जवाब उस समय की सरकार को देना होगा. क्योंकि इटली की अदालत ने तो स्पष्ट कहा है कि वहां के लोगों ने 125 करोड़ रुपये दिए हैं. कई नाम भी लिए गए हैं लेकिन मैं इस बारे में कुछ बोलना नहीं चाहता हूं’.
पर्रिकर ने इटली की अदालत के बयान पर बात करते हुए कहा है कि अदालत ने अप्रत्यक्ष रूप से बताया है कि पॉलिटिकल करप्शन 125 करोड़ रुपये का है. उन्होंने कुछ नाम लिए हैं कुछ अमाउंट भी बताया है. उन्होंने कहा कि जांच पड़ताल से सब पता चल जाएगा कि इसमें किसने कितनी रिश्वत ली है. पर्रिकर ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि पैसा किसने लिया है. इस मामले पर कांग्रेस को जवाब देना होगा.
क्या है मामला?
यूपीए-1 सरकार के वक्त 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद की डील हुई थी. डील के तहत मिले 3 हेलिकॉप्टर आज भी दिल्ली के पालम एयरबेस पर खड़े हैं. इन्हें इस्तेमाल में नहीं लाया गया. डील 3,600 करोड़ रुपए की थी.
टोटल डील का 10% हिस्सा रिश्वत में देने की बात सामने आई थी. इसके बाद यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में डील रद्द कर दी थी. तब एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. जिस मीटिंग में हेलिकॉप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे. इस वजह से कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे.