नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक किताब में शहीद भगत सिंह को एक क्रांतिकारी आतंकवादी बताने को लेकर चौतरफा हमले शुरु हो गए हैं. भगत सिंह के साथ आतंकवादी शब्द जोड़ने पर उनके परिवार के अलावा कई राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना भी की है. इसके अलावा बुधवार को इस मुद्दे पर लोकसभा में भी जमकर बहस हुई. बता दें कि इस किताब के लेखक ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ‘करिश्माई नेता’ भी बताया है.
दरअसल डीयू में पढ़ाई जा रही मृदुला मुखर्जी और विपिन चंद्रा की इतिहास की एक पुस्तक ‘भारत का स्वतंत्रता संघर्ष’ के चैप्टर नंबर 20 का शीर्षक भगत सिंह, सूर्य सेन और क्रांतिकारी आतंकवादी है. 13 पन्नों के इस चैप्टर में 10 से ज्यादा बार आतंकवाद और आतंकवादी शब्द लिखा गया है.
चटगांव आंदोलन को भी बताया आतंकी कृत्य
इस पुस्तक में चटगांव आंदोलन को भी आतंकी कृत्य करार दिया गया है. जबकि सैंडर्स की हत्या को आतंकी कार्रवाई कहा गया है. भगत सिंह के परिवार ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को एक पत्र लिखकर इस संबंध में हस्तक्षेप करने और पुस्तक में उचित बदलाव करने की मांग की है. भगत सिंह के परिजनों ने डीयू के कुलपति योगेश त्यागी से भी मुलाकात की जिन्होंने उन्हें इस मामले को देखने का आश्वासन दिया. वहीं स्मृति ईरानी ने इसे अकादमिक हत्या बताया है. स्मृति ईरानी ने तंज कसते हुए कहा, ‘यदि भगत सिंह को आतंकी नहीं कहने पर मुझे कोई असहिष्णु कहता है तो मैं यह तमगा लेने को तैयार हूं.’
अनुराग ठाकुर का कांग्रेस पर वार
अनुराग ठाकुर ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल के दौरान देश के इतिहास को तोड़ने मरोड़ने का प्रयास किया है जिसके लिए देश उसे कभी माफ नहीं करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि भगत सिंह को क्रांतिकारी बताया जाना काफी आपत्तिजनक है. और इससे भी आपत्तिजनक यह है कि कथित दो विचारधाराओं के नाम पर ऐसी किताब दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जा रही है.
डीयू के छात्र भी नाराज
भगत सिंह के नाम के साथ आतंकवाद शब्द जोड़ने से डीयू के छात्र भी नाराज हैं. उन्होंने इसे देश के हीरो के साथ अन्याय करार दिया और ऐसा कोई भी शब्द किताब से हटाने की मांग की. वहीं इतिहासकारों का कहना है कि आज के दौर में आतंकवाद शब्द के मायने बदल गए हैं.