नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्यों ने सोमवार को ऑड-ईवन योजना से छूट की मांग करते हुए कहा कि इसके कारण उन्हें संसद सदस्य के रूप में अपने दायित्वों के निर्वहन में परेशानी आ रही है. इस मुद्दे को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नरेश अग्रवाल ने भोजनावकाश के बाद उठाया.
अग्रवाल ने कहा, “एक सांसद होते हुए यह हमारा विशेषाधिकार है कि हम सदन की कार्यवाही में हिस्सा लें.” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “हमें केवल एक सुरक्षा पास मिलता है, जो एक कार के लिए है. उन्होंने (दिल्ली सरकार) अपमान करने के मकसद से सांसदों को छूट (ऑड-ईवन परिवहन योजना से) नहीं दी है.”
अग्रवाल ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता तथा राज्यसभा सदस्य विजय गोयल द्वारा विरोध करने पर उन पर दो हजार रुपये की जगह 3,500 रुपये का जुर्माना किया गया. उन्होंने कहा, “मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर आखिर चुप क्यों है.”
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सदस्यों का समर्थन करते हुए कहा, “संसद की कार्यवाही आज (सोमवार) से शुरू हुई है. 10 सदस्यों को छोड़कर बाकी सभी सदस्य दिल्ली के बाहर से आते हैं. बिना सुरक्षा स्टीकर के वाहन संसद परिसर में दाखिल नहीं हो सकते और संसद की बस सभी सांसदों को ढोने में सक्षम नहीं है. आने वाले समय में वे संसद पहुंच नहीं पाएंगे.” शर्मा ने कहा, “सदन को यह फैसला करना चाहिए कि बैठक के वक्त सदस्य सदन तक कैसे पहुंचे? इस मुद्दे का समाधान करने की जरूरत है.”
जनता दल (युनाइटेड) के सदस्य के.सी.त्यागी ने कहा कि दिल्ली सरकार का इरादा सही है, लेकिन उन्हें सांसदों को इस योजना से छूट देनी चाहिए. उप सभापति पी.जे.कुरियन ने सहमति जताते हुए कहा, “यह सरकार का कर्तव्य है कि वह संसद के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए सुविधाएं मुहैया कराए. मौजूदा योजना से सदस्यों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में परेशानी आ रही है.”
उप सभापति ने यह भी कहा कि कार्यवाही में भी विलंब हो रहा है. उन्होंने कहा, “एक कमेटी की बैठक में एक घंटे का विलंब हुआ, क्योंकि सदस्य सही वक्त पर नहीं पहुंच पाए.” कुरियन ने कहा, “संसदीय कार्यमंत्री मुद्दे को दिल्ली सरकार के समक्ष क्यों नहीं उठा रहे या सांसदों को योजना से छूट प्रदान करने का सुझाव क्यों नहीं दे रहे.”
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि उन्हें सांसदों से शिकायत मिली है और उन्होंने सुझाव दिया है कि जब संसद सत्र चल रहा हो, तो सांसदों को योजना में छूट प्रदान की जाए.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “हम सक्षम अधिकारियों से बात करेंगे और सांसदों के कार्य निर्वहन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं चाहेंगे.”