नई दिल्लीः MJ Akbar Priya Ramani Sexual Harassment Case #MeToo: ‘मी टू’ अभियान के फेर में फंसे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं. अब तक 16 महिला पत्रकार एमजे अकबर पर यौन शोषण, यौन उत्पीड़न के आरोप लगा चुकी हैं. सबसे पहले आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ अकबर ने आपराधिक मानहानि का केस भी दर्ज कराया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंग्रेजी अखबार ‘द एशियन एज’ की पूर्व 17 महिला पत्रकार प्रिया रमानी के समर्थन में उतर आईं हैं. वह कोर्ट में अकबर के खिलाफ गवाही देंगी.
17 महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर मीडिया को इस बारे में जानकारी दी. पत्रकारों ने कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले में उनकी गवाही को सुना जाए. उनका दावा है कि उनमें से कुछ महिला पत्रकार एमजे अकबर का शिकार हो चुकी हैं और अन्य महिलाएं इसकी गवाह हैं. उन्होंने कहा, ‘प्रिया रमानी इस लड़ाई में अकेली नहीं हैं. हम कोर्ट से आग्रह करते हैं कि एमजे अकबर की ओर से प्रिया रमानी के खिलाफ दायर किए गए आपराधिक मानहानि मामले में पीड़ितों के बयान को तवज्जो दी जाए. संयुक्त बयान के साथ-साथ सभी 17 महिला पत्रकारों ने एक पत्र पर कोर्ट में गवाही देने के विषय में हस्ताक्षर भी किए हैं.’
‘द एशियन एज’ की पूर्व महिला पत्रकारों ने बातचीत में एमजे अकबर के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि प्रिया रमानी की बातों में बहुत सच्चाई है. एमजे अकबर के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा महिला पत्रकारों का सामने आना बताता है कि अकबर कसूरवार हैं. ‘मी टू’ कैंपेन ने सभी महिलाओं को बोलने की शक्ति दी और जो सच बाहर आ रहे हैं वह बेहद चौंकाने वाले हैं. गौरतलब है कि विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ 16 महिला पत्रकार खुलकर सामने आ चुकी हैं. हालांकि अकबर ने खुद पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया है.
माना जा रहा था कि नाइजीरिया दौरे से लौटते ही केंद्र सरकार उनसे इस्तीफा ले सकती है लेकिन अभी तक न ही बीजेपी और न ही केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में कोई बयान आया है. एमजे अकबर ने महिला पत्रकारों के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है. उनका कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है. वह इस षडयंत्र का पर्दाफाश करके रहेंगे. भारतीय महिला प्रेस कोर ने इस मामले में गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है. अकबर का नाम लिए बगैर पत्र में लिखा है, ‘हमारा मानना है कि यौन शोषण के आरोपों मे घिरे मंत्री के अपने पद पर बने रहने से गलत संदेश बाहर जाएगा कि केंद्र सरकार इस गंभीर मुद्दे को लेकर उदासीन है.’
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