नैनीताल. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के बड़ा झटका देते हुए राज्य में 27 मार्च से जारी राष्ट्रपति शासन को हटा दिया है. हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को गलत करार देते हुए उसे खारिज कर दिया है.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट में रावत के वकील ने कहा था कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाकर राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस वीके विष्ट की बेंच ने अपने फैसले में केंद्र सरकार के रवैए पर सवाल उठाया है और कहा है कि केंद्र सरकार निष्पक्ष तरीके से काम करने के बदले एक प्राइवेट पार्टी की तरह काम कर रही थी.
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने सरासर झूठे तरीके से काम किया और विधानसभा के स्पीकर ने दोहरे मानदंड अपनाए. कोर्ट ने कहा कि राज्य में धारा 356 का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय दिशा-निर्देश से परे जाकर किया गया.
कोर्ट ने 29 अप्रैल को हरीश रावत को बहुमत साबित करने का आदेश दिया है. दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है.
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