यौन शोषण के आरोपी आसाराम की बढ़ी मुसीबत, IT वसूलेगा 750 करोड़

यौन शोषण के आरोप में जोधपुर की जेल में बंद आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ गई हैं. अब आयकर विभाग आसाराम से करीब 750 करोड़ रूपए से अधिक का टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आसाराम और उसके बेटे नारायण पर 750 करोड़ रुपए का टैक्स लगाने के लिए इनकम टैक्स अफसरों ने देशभर में उनकी 100 से ज्यादा संपत्ति का प्रोविजनल अटैचमेंट किया है.

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यौन शोषण के आरोपी आसाराम की बढ़ी मुसीबत, IT वसूलेगा 750 करोड़

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  • April 21, 2016 7:33 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
सूरत. यौन शोषण के आरोप में जोधपुर की जेल में बंद आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ गई हैं. अब आयकर विभाग आसाराम से करीब 750 करोड़ रूपए से अधिक का टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आसाराम और उसके बेटे नारायण पर 750 करोड़ रुपए का टैक्स लगाने के लिए इनकम टैक्स अफसरों ने देशभर में उनकी 100 से ज्यादा संपत्ति का प्रोविजनल अटैचमेंट किया है. इनमें जमीन-प्लॉट शामिल हैं. बता दें कि अटैच संपत्ति की बाजार में कीमत 1500 से 2000 करोड़ रुपए है. सर्च ऑपरेशन का आंकड़ा शामिल किया जाए तो यह दोगुनी हो सकती है. 
 
2500 करोड़ का बेनामी हिसाब
आयकर विभाग की जांच में पता चला कि आसाराम और नारायण साई द्वारा आसाराम आश्रम के नाम पर 2500 करोड़ का बेनामी हिसाब था. इसमें आश्रम की प्रॉपर्टी के अलावा सूद पर दिए गए पैसों का भी हिसाब था. आयकर विभाग ने हालांकि 6 साल का हिसाब निकाला जिसमें 30 फीसदी के हिसाब से 750 करोड़ के आसपास का बकाया आसाराम से निकलता है.
 
क्या है पूरा मामला ?
आसाराम के अहमदाबाद में मौजूद एक साधक के घर से दस्तावेजों के 42 थैले मिले थे. कई लैपटॉप-कम्प्यूटर भी जब्त किए गए थे. जिसमें ज्यादातर डबल पासवर्ड डाले गए थे. जिसके बाद डबल पासवर्ड की बात पकड़ में आने पर ही कम्प्यूटर और लैपटॉप खुल सके. इतनी मशक्कत के बाद आसाराम की 2500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ था. जिसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर सीबीडीटी को भेजी थी और 750 करोड़ का टैक्स कैल्क्युलेट किया गया.
 
साधुओं ने आश्रम से हटाए पोस्टर 
उज्जैन के मंगलनाथ जोन में आसाराम बापू के आश्रम से बुधवार सुबह 10 बजे श्री पंच राधावल्लभी निर्मोही अखाड़ा के साधुओं ने पोस्टर हटा दिए. उन्होंने आश्रम का गंगाजल से शुद्धिकरण किया.उनका कहना है कि यह भूमि अनादिकाल से अखाड़े की है. यहां सिंहस्थ के दौरान कोई अन्य पूजा-पाठ नहीं कर सकता. इसे लेकर कुछ देर के लिए आसाराम के फॉलोअर्स और साधुओं के बीच जमकर बहस भी हुई.

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