‘अमीर लोग धर्मगुरुओं पर नहीं समाज कल्याण के लिए खर्च करें पैसा’

इंदौर. अपने सार्वजनिक जीवन से संन्यास का ऐलान करने वाले राष्ट्रीय संत भय्यूजी महाराज ने संन्यास लेने के कारणों का खुलासा किया है. भय्यूजी महाराज ने कहा है कि आज अगर आप देखेंगे तो अमिर लोग पैसे खर्च करके धर्मगुरु लोगों की बुकिंग हो रही है. धर्मगुरु पैसे वाले लोगों को भोग खिला रहे हैं वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों के घर में हफ्तों तक खाना नहीं पका वो लोग भूखे सो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आजकल धर्मगुरूओं के पास लाखों रुपए मठों में रखे रहते हैं, करोड़ों रुपए की संपत्ति होती है, उन लोगों का इतने पैसों का क्या काम? ये लोग भूखे लोगों पर क्यों नहीं पैसा खर्च करते, क्यों मानवता की भलाई के लिए काम नहीं करते हैं. भगवान के नाम पर आपको इतना पैसा मिला है तो आप लोग ये पैसा गरीबों पर खर्च करें.
यह बताया सन्यास लेने का कारण
भय्यूजी महाराज ने कहा है कि अब दिनोंदिन हालात बहुत बदल रहे हैं. मेरी क्षमता खत्म सी होती जा रही है. सहनशक्ति के उल्टे सब काम हो रहा है. इसके चलते मैं सार्वजनिक जीवन से निवृत्ति ले रहा हूं.
‘समाज भी हो जागरूक’
भय्यूजी महाराज ने कहा कि समाज को भी समझना चाहिए कि जो लोग पाखंड़ और आडंबर कर रहे हैं आप उन लोगों को पैसा दे रहे हैं. उससे अच्छा है कि वो पैसा समाज की भलाई के लिए लगाएं. जनता एक बार देखे जिनकी वो पूजा कर रहे हैं उन्होंने देशहित में या फिर समाज के लिए क्या काम किया है. जो लोग गरीबों के प्रति संवेदना नहीं रख पाते हैं, जो लोग अपेक्षित या शोषण लोगों के प्रति संवेदना नहीं रख पाते हैं. वो समाज में क्या परिवर्तन लेकर आएंगे.
‘मां भारती के लिए जिंदगी गुजार दी’
भय्यूजी महाराज ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी साफ और स्वच्छ तरीके से जीना पसंद किया है. मैंने मां भारती के लिए जितना कर सका वो मैंने किया और मानवता या समाज के लिए जितना कर सकता हूं उतना कर रहा हूं. समाज में जो पाखंड़ हो रहा है उससे मेरा मन भर गया है इसलिए मैं अपने इस क्षेत्र से त्याग कर रहा हूं.
कौन हैं भय्यू महाराज?
भय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदयसिंह देखमुख है. उनका जन्म शुजालपुर के एक किसान परिवार में हुआ था. उनका मुख्य आश्रम इंदौर स्थित बापट चौराहे पर है. सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके सानिध्य में संचालित होता है. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं. भय्यू महाराज की पत्नी माधवी का गतवर्ष निधन हो गया था. माधवी मूलरूप से औरंगाबाद की रहने वाली थीं. भय्यू महाराज की एक बेटी कुहू है जो पूणे में रहकर पढ़ाई कर रही है.
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