बाबेन. हिंदुस्तान की 70 फीसदी आबादी गावों में रहती है. लेकिन हिंदुस्तान का ये गांव ऐसा भी है जो सुविधाओं के मामले में न सिर्फ देश के बड़े शहरों को कड़ी टक्कर देता है बल्कि विदेशों की प्लानिंग और सुविधाओं को भी चुनौती देने की ताकत रखता है. ये गांव गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श गांव का सपना बाबेन गांव है. बाबेन गांव देश का इकलौता ऐसा गांव है जिसका बैंक में 1 करोड़ रुपए का फिक्स डिपॉजिट है. इस गांव में तकरीबन 35 जातियों के करीब 15 हज़ार लोग रहते हैं.
एक नजर गांव पर
गांव के अंदर ही 12 फीट चौड़ी पक्की सड़क है. सड़क के दोनों ओर स्ट्रीट लाइट्स. सबसे बड़ी बात कि सड़क का निर्माण शासकीय सहायता से नहीं, बल्कि पंचायत द्वारा ही करवाया गया है. इस गांव में सभी प्राथमिक सुविधाएं हैं जैसे आंगनबाड़ी, पंचायत घर, कम्युनिटी हॉल, प्राथमिक स्कूल, हाई स्कूल, एंबुलेंस भी खुद पंचायत भवन की है. गांव में स्विमिंग पूल, अत्याधुनिक जिम, खेलों के लिए गेमिंग ज़ोन, डिस्को क्लब है और थियेटर भी है.
सफाई के लिए 22 कर्मचारियों की टीम
गांव की साफ सफाई के लिए 22 सफाई कर्मचारियों एक टीम है. सड़कें तड़के सुबह ही साफ कर दी जाती हैं. वहीं, हर घर से सुबह-शाम कचरा उठाने के लिए पंचायत के वाहन आते हैं. गांव में गटर लाइन की सुविधा है. सार्वजनिक शौचालय और अंडर ग्राउंड बिजली की तारें लगी हुई हैं.
सरपंच भावेशभाई के नेतृत्व में बना आदर्श गांव
इस गांव की किस्मत 7 साल पहले यानी की 2007 से ही चमकना शुरू हो गई थी, जब सरपंच भावेशभाई के नेतृत्व में बाबेन गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए पंचायत के सभी 19 सदस्यों ने संकल्प लिया था. इसके बाद भावेशभाई ने बाबेना गांव के लिए एक रोड मैप बनाया. जिसमें योजनाबद्ध तरीके से गांव का विकास का खाका बुना हुआ था. सबसे पहले किया गया ग्राम पंचायत के लिए पैसे का इंतजाम किया. जिसमें सभी ने सहयोग किया. वर्ष 2011 में गुजरात सरकार द्वारा बाबेन गांव की ग्राम पंचायत को ‘बेस्ट ग्राम पंचायत ऑफ द ईयर’ अवार्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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