बिजली वाले कोयला का आयात रोकेगा भारत, 40000 करोड़ बचेंगे

देश में कोयले के बढ़ते उत्पादन के बीच भारत की योजना अगले दो-तीन साल में थर्मल कोयले (बिजली वाला कोयला) का आयात पूरी तरह से रोकने की है. इससे सालाना आधार पर 40,000 करोड़ रपये की बचत की जा सकेगी. केंद्रीय बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी. पहले सामुद्रिक भारत सम्मेलन में गोयल ने कहा कि कोकिंग कोयले का हालांकि आयात करना होगा.

Advertisement
बिजली वाले कोयला का आयात रोकेगा भारत, 40000 करोड़ बचेंगे

Admin

  • April 15, 2016 3:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
मुंबई. देश में कोयले के बढ़ते उत्पादन के बीच भारत की योजना अगले दो-तीन साल में थर्मल कोयले (बिजली वाला कोयला) का आयात पूरी तरह से रोकने की है. इससे सालाना आधार पर 40,000 करोड़ रपये की बचत की जा सकेगी. केंद्रीय बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी. पहले सामुद्रिक भारत सम्मेलन में गोयल ने कहा कि कोकिंग कोयले का हालांकि आयात करना होगा. 
 
गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय इस उद्देश्य से भारतीय जहाजरानी कंपनियों से गठजोड़ करने को तैयार है. कोल इंडिया द्वारा रिकार्ड उत्पादन से बीते वित्त वर्ष में भारत को अपना कोयले का आयात बिल 28,000 करोड़ रुपए कम करने में मदद मिली.
 
गोयल ने कहा, ‘‘मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि भारतीय कंपनियां बड़ी मात्रा में थर्मल कोयले का आयात करती हैं. हम अगले दो-तीन साल में तापीय कोयले का आयात पूरी तरह रोकना चाहते हैं. हमने पहले ही आयात 28,000 करोड़ रुपए बचाया है. हम 40,000 करोड़ रुपए की बचत करेंगे.’’
 
गोयल ने कहा कि सरकार 2019 तक कोल इंडिया का सालाना उत्पादन बढ़ाकर 1 अरब टन पर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. 2015-16 में इस महारत्न कंपनी ने रिकॉर्ड 53.6 करोड़ टन का उत्पादन किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 4.2 करोड़ टन ज्यादा है. 
 
सालाना आधार पर कोल इंडिया का उत्पादन 8.5 फीसदी बढ़ा है. 2015-16 में कोल इंडिया ने 55 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जिसे वह पूरा नहीं कर पाई. घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 फीसदी से ज्यादा है. 

Tags

Advertisement