केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों की सदस्यता हो सकती है रद्द

नई दिल्ली. केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों पर गाज गिर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही इन विधायकों की सदस्यता खत्म की जा सकती है. चुनाव आयोग में याचिका दायर कर उनकी नियुक्ति को चुनौती दी गई है. इसके अलावा इन विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को […]

Advertisement
केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों की सदस्यता हो सकती है रद्द

Admin

  • April 13, 2016 6:57 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों पर गाज गिर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही इन विधायकों की सदस्यता खत्म की जा सकती है. चुनाव आयोग में याचिका दायर कर उनकी नियुक्ति को चुनौती दी गई है. इसके अलावा इन विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी याचिका दी गई थी.
 
बता दें कि इन विधायकों को बीते साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था. अब इन विधायकों को ‘लाभ का पद’ रखने के मामले में अयोग्य करार दिया जा सकता है.
 
विधायकों ने मांगा और समय
 
चुनाव आयोग ने विधायकों को 11 अप्रैल तक इस याचिका पर जवाब देने का समय दिया था. हालांकि संबंधित 21 विधायकों ने शुक्रवार को इस याचिका पर जवाब देने के लिए 6 से आठ हफ्ते का और समय मांगा है. इसके पीछे वजह यह दी गई है कि संसदीय सचिवों को मिलने वाली सुविधाओं और भत्तों के बारे में सरकार से जानकारी लेने के लिए और समय की जरूरत है. क्योंकि इसके लिए सरकार के अलग-अलग विभागों से जानकारी लेनी होगी.
 
आखिरी फैसले पर राष्ट्रपति लगाएंगे मुहर
 
चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक अब मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त मिलकर अब फैसला लेंगे कि उन्हें राष्ट्रपति से क्या सिफारिश करनी है और आखिरी फैसले पर राष्ट्रपति अपनी मुहर लगाएंगे. अधिकारी के मुताबिक इससे पहले भी विधायकों को अयोग्य करार दिया जा चुका है तो कुछ भी संभव है.
 
बीजेपी ने किया था विरोध
 
बीते साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करने का बीजेपी और अन्य पार्टियों ने विरोध किया था. विपक्ष का आरोप था कि इन 21 विधायकों को मंत्रियों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी.  जिससे दिल्ली की जनता पर बोझ पड़ेगा. ध्यान देने वाली बात यह है कि 1993 में दिल्ली विधानसभा के दोबारा गठन के बाद से किसी भी सरकार में तीन से ज्यादा संसदीय सचिव नहीं रहे हैं.
 
 
 

Tags

Advertisement