14 अप्रैल को भारत के संविधान के रचयिता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती है. इस बार न सिर्फ भारत बल्कि इस बार यूनाइटेड नेशंस में भी उनकी जयंती मनाई जाएगी. यूएन में पहली बार बाबासाहेब बीआर अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी. इस जयंती में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा.
न्यूयॉर्क. 14 अप्रैल को भारत के संविधान के रचयिता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती है. इस बार न सिर्फ भारत बल्कि इस बार यूनाइटेड नेशंस में भी उनकी जयंती मनाई जाएगी. यूएन में पहली बार बाबासाहेब बीआर अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी. इस जयंती में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा.
यूएन में भारत का परमानेंट मिशन कल्पना सरोज फाउंडेशन और फाउंडेशन फॉर ह्यूमन होराइजन के सहयोग से यूएन के न्यूयॉर्क स्थित हेडक्वार्टर पर उनकी जयंती आयोजित होगी. उनकी जयंती के मौके पर यहां सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ाई विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन भी किया जाएगा.यूनाइटेड नेशंस में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर यह जानकारी दी.
Babasaheb’s birth anniversary to be observed at UN for 1st time with focus on combating inequalities to achieve SDGs pic.twitter.com/MOsywOrab1
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) April 9, 2016
उन्होंने लिखा कि पहली बार यूएन में बाबासाहब की जयंती मनाई जाएगी. इसमें सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा. भारतीय मिशन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत अपने ‘राष्ट्रीय प्रेरणास्रोत’ की 125वीं जयंती मना रहा है, अंबेडकर करोड़ों भारतीयों और दुनिया भर में समानता एवं सामाजिक न्याय के समर्थकों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था. उनका निधन वर्ष 1956 में हुआ था और उन्हें वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया था.