कोल्लम. केरल के पुत्तिंगल देवी मंदिर में आतिशबाजी के दौरान भयावह आग लगने की घटना के दो दिन बाद यानी मंगलवार को पुलिस ने मंदिर के छह अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. भयावह आग में 110 लोगों की मौत हो गई थी और 350 से अधिक घायल हुए थे.
पुत्तिंगल देवी मंदिर की प्रबंधन समिति के पांच सदस्यों ने सोमवार देर रात पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिनमें अध्यक्ष पी.एस. जयालाल, सचिव कृष्णनकुट्टी पिल्लई, जे.प्रसाद, सोमसुंदरम पिल्लई और रविंद्रन पिल्लई शामिल हैं। छठे अधिकारी सुरेंद्रन पिल्लई को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया गया.
इन लोगों से अपराध शाखा की टीम पूछताछ कर रही है, जिसका नेतृत्व कोल्लम अपराध शाखा कार्यालय के पुलिस उपाधीक्षक राधाकृष्णन पिल्लई कर रहे हैं. पूर्व में पुलिस ने परावूर शहर में आतिशबाजी के दौरान आग लगने के इस मामले में मंदिर समिति के सदस्यों, आतिशबाजी शो के ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों सहित करीब 30 लोगों पर गैर इरातन हत्या का मामला दर्ज किया था. आतिशबाजी के ठेकेदार सुरेंद्रन के पांच कर्मी पहले ही पुलिस टीम की हिरासत में हैं और उन्होंने पुलिस को जलाए गए पटाखों की प्रकृति के बारे में बताया है.
बता दें कि पुत्तिंगल देवी मंदिर में रविवार तड़के करीब 3.30 बजे आतिशबाजी के दौरान भयंकर रूप से आग लग गई थी. इस घटना के बाद मंदिर के अधिकारी फरार हो गए थे. केरल सरकार ने रविवार को ही मामले की न्यायिक जांच और अपराध शाखा को इसकी जांच करने के आदेश दे दिए थे.
ऐसे लगी थी आग
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग कोल्लम जिले के तटीय शहर परावूर स्थित पुत्तिंगल मंदिर में रविवार तड़के 3.30 बजे तब लगी, जब वहां हो रही आतिशबाजी से एक चिंगारी निकलकर उस इमारत में जा गिरी, जहां उत्सव मनाने के लिए बड़ी संख्या में उच्च क्षमता वाले पटाखे रखे थे. आतिशबाजी के बीच देखते ही देखते पटाखों में धमाके शुरू हो गए और भयंकर आग लग गई. कुछ ही पलों में पूरी इमारत धराशायी हो गई. मंदिर में रविवार तड़के शुरू हुई आतिशबाजी देखने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए थे. पुत्तिंगल देवी को समर्पित यह मंदिर आमतौर पर सुबह पांच बजे खुलता है.