कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज संसद में एक बार फिर मोदी सरकार पर करारा वार किया. राहुल गांधी ने कहा कि हमें लैंड बिल लाने में दो साल से अधिक समय लगा, लेकिन एनडीए सरकार ने कुछ ही दिन में बिल की हत्या कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर 'सूट बूट की सरकार' वाला कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा, हमने कहा की किसानों से पूछकर ज़मीन ली जाएगी, आपने कहा कि उनसे पूछे बगैर ज़मीन ली जाएगी. आपने यह कहकर उनके पांवों पर पहली कुल्हाड़ी मारी.
नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज संसद में एक बार फिर मोदी सरकार पर करारा वार किया. राहुल गांधी ने कहा कि हमें लैंड बिल लाने में दो साल से अधिक समय लगा, लेकिन एनडीए सरकार ने कुछ ही दिन में बिल की हत्या कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर ‘सूट बूट की सरकार’ वाला कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा, हमने कहा की किसानों से पूछकर ज़मीन ली जाएगी, आपने कहा कि उनसे पूछे बगैर ज़मीन ली जाएगी. आपने यह कहकर उनके पांवों पर पहली कुल्हाड़ी मारी.
इंडिया न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम टूनाइट विद दीपक चौरसिया में आज इसी मुद्दे पर चर्चा की गयी कि मोदी सरकार पर निशाना साध रहे राहुल के खुद के संसदीय क्षेत्र की हालत कैसी है. चर्चा में कांग्रेस कि तरफ से रागिनी नायक, बीजेपी की ओर से नलिन कोहली, सपा से रविदास मेहरोत्रा और बसपा की तरफ से सुधीन्द्र भदौरिया भी मौजूद रहे. वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह ने भी चर्चा में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाये.
आपको बता दें कि राहुल ने आज लोकसभा में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, फिर आपने दूसरी कुल्हाड़ी मारी, हमने कहा सोशल इम्पेक्ट असेसमेंट (SIA) होगा, आपने कहा, नहीं होगा. हमने कहा था, पांच साल में अगर ज़मीन पर काम नहीं हुआ तो वह किसानों को वापस की जाएगी, तीसरी कुल्हाड़ी मारते हुए इन्होंने यह भी रद्द कर दिया. राहुल गांधी ने बिना किसी लाग-लपेट के साफ कहा, यदि आप चाहते हो कि ज़मीन आपके कॉरपोरेट दोस्तों को दी जाए, हम यह ‘सूट-बूट का काम’ नहीं चलने देंगे. राहुल गांधी ने कहा कि अगर सरकार को इस बिल के मुद्दे पर संसद में नहीं रोक पाए तो सड़कों पर जाकर उसे रोकेंगे और ‘सूट-बूट’ का काम नहीं होने देंगे.
अपने तीखे भाषण में कांग्रेस सांसद ने कहा, हमने आपकी फाइनेंस मिनिस्ट्री से पूछा, बताइए जमीन के कारण कितने प्रोजेक्ट रुके हैं. आपकी फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि 100 में से केवल 8 प्रोजेक्ट जमीन की वजह से रुके हैं. केंद्र सरकार के पास जमीन पड़ी है, लेकिन आप किसान की जमीन क्यों छीनना चाहते हो? उन्होंने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि पहले यही नेता विपक्ष में बैठकर हमारे बिल का समर्थन कर रहे थे, लेकिन आज ये पलट गए हैं.
IANS से भी इनपुट