बीड़. मराठवाड़ा दर्द से कराह रहा है. साल दो साल से नहीं पांच साल से हजारों एकड़ खेती तबाह हो चुकी है. हजारों किसान मौत को गले लगा चुके हैं. 11 हजार किलोमीटर में फैले इस जिले के 11 ताल्लुका में पानी को लेकर हाहाकार मचा है. बीड की सूखी धरती पर जहां भी आप जाएंगे वहां मटकियां लिए लोग पानी खोजते नजर आएंगे.
पानी की तलाश में इनके लिए किलोमीटर और मीलों का फासला कुछ भी नहीं. पंद्रह-पंद्रह दिनों तक यहां लोगों को पानी नहीं मिलता. जब पानी का टैंकर आता है तो इलाके में अफरातफरी मच जाती है. महिलाएं एक दूसरे से भिड़ने लगती हैं.
मराठवाड़ा में पानी की इतनी किलल्त क्यों है. ये देखने और जानने के लिए इंडिया न्यूज़ की टीम मराठवाड़ा के बीड़ जिले में पहुंची. धानौरा गांव पहुंची तो वहां इंसानों को झकझोरकने वाली एक तस्वीर दिखी.
पानी की तलाश में गांव के कुछ लोग तीस फीट गहरे कुएं में उतरे थे. लगा ऐसा जैसे पाताल से पानी निकाल रहे हों. बीड के धानौरा गांव में एक जगह हमने करीब पांच सौ लोगों को गड्ढा खोदकर मिट्टी फेंकते देखा. पास जाने पर पता चला कि ये अगले साल के लिए पानी की तैयारी है.
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