जोधपुर. समाज में बाल विवाह जैसी रूढ़िवादी प्रथाएं आज भी जारी हैं लेकिन इसके खिलाफ एक 19 साल की लड़की ने आवाज उठाकर एक मिसाल बनाई है. जोधपुर की रहने वाली लड़की शांता देवी का विवाह बचपन में ही 11 महीने की उम्र में ही तय कर दी गई थी. बड़ी होकर शांता को जब […]
जोधपुर. समाज में बाल विवाह जैसी रूढ़िवादी प्रथाएं आज भी जारी हैं लेकिन इसके खिलाफ एक 19 साल की लड़की ने आवाज उठाकर एक मिसाल बनाई है. जोधपुर की रहने वाली लड़की शांता देवी का विवाह बचपन में ही 11 महीने की उम्र में ही तय कर दी गई थी. बड़ी होकर शांता को जब इसका पता चला तो उसने इस शादी से इनकार कर दिया. लेकिन शादी से इनकार करने के बाद लड़के वालों ने शांता देवी के परिवार पर सामाजिक बहिष्कार करते हुए 16 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
शांता देवी ने सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी कृति भारती से मदद की मांगी है. कृति भारती ने कहा है कि वह इस संकट से परिवार को निकालने के लिए कानून की मदद लेंगी. शांता बाल-विवाह ना करके अपना जीवनसाथी चुनकर शिक्षक बनना चाहती है,