नई दिल्ली. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर गतिरोध दूर करने के लिए सरकार कांग्रेस को बातचीत की प्रक्रिया में शामिल करेगी. जेटली ने यहां ग्रोथ नेट सम्मेलन में कहा, “कांग्रेस जीएसटी पर एक मात्र विरोधी पार्टी है. पुरानी पड़ चुके ज्ञान के आधार पर कांग्रेस ने जीएसटी दर की एक संवैधानिक सीमा की मांग की है. हम उनसे इस पर बात करेंगे.” जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद कर की दर तय करेगी. हम वाजिब दर का समर्थन करते हैं.
अरुण जेटली ने कहा है कि जीएसटी रेट 18 फीसदी करने में कोई समस्या नहीं है. कांग्रेस इस बिल को राज्यसभा से पास कराने के लिए जीएसटी की ऊपरी टैक्स सीमा 18 फीसदी तय करने की मांग कर रही है. अब, जब वित्त मंत्री की ओर से यह स्टेटमेंट आया है तो उम्मीद बढ़ गई है कि यह बिल संसद के अगले सत्र में पास हो जाए.
मंत्री ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि दो राष्ट्रीय पार्टियों के बीच वाजिब दर को लेकर सहमति बन जाएगी.” जीएसटी विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में सत्ता पक्ष को बहुमत नहीं रहने के कारण यह लंबित है. जेटली ने कहा, “ऊपरी सदन किस हद तक आर्थिक निर्णय निर्माण प्रक्रिया को बाधित कर सकता है, इस पर आस्ट्रेलिया में बहस चल रही है. ब्रिटेन ने इस पर फैसला कर लिया है. इटली में भी यह बहस जारी है. आम चुनाव से बनने वाले सदन के महत्व को हमेशा बरकरार रखना होगा.”
आभूषण पर उत्पाद शुल्क लगाए जाने के विरोध के बारे में जेटली ने कहा कि विलासितों की वस्तुओं पर कर नहीं लगाने का कोई आधार नहीं है. आम बजट में चांदी को छोड़कर शेष आभूषणों पर एक फीसदी उत्पाद शुल्क लगाने का आभूषण कारोबारी विरोध कर रहे हैं और उनकी हड़ताल जारी है.