कानपुर. रविवार की सुबह ड़ेढ साल की बच्ची अचानक 80 फुट गहरे बोरवेल में गिर गई, मल्टीस्टोरी की स्वायल टेस्टिंग के लिए कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने बोरवेल बनाया और बिना भरे ही छोड़ दिया था. मासूम बच्ची को बचाने के लिए प्रशासन के साथ सेना ने कमान संभाली है. बोरवेल के बगल में जेसीबी से उसके बराबर का गड्ढा खोदा जा रहा है. सेना और स्थानिय लोगों की मदद से रेस्क्यू का काम जा है.
मां-बाप के साथ कानपुर आई थी बच्ची
शहर के नवाबगंज में मोहल्ले में चिडि़याघर के पास घटी इस घटना के बाद हजारों लोगों की भीड़ मौके पर जुटी हुई है. गोंडा की रहने वाली खुशी का पिता सोनू दिहाड़ी मजदूर है. अपनी पत्नी श्यामा का इलाज कराने वह कानपुर आया था. रविवार सुबह घर के पास मैदान में खुशी खेल रही थी. इसी दौरान 25 फुट गहरे बोरवेल में उसका पैर फिसला और वह नीचे चली गई. उसके गिरते ही चीख-पुकार मच गई.
पड़ोसियों ने दी घरवालों को सूचना
बच्ची के मौसा के मुताबिक, खुशी के गिरते ही उसकी मां बेहोश हो गई. इसके बाद पड़ोसियों ने बच्ची के घरवालों को घटना की सूचना दी. मौके पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस को पूरी बात बताई, जिसके बाइ एडीएम सिटी, एसीएम और एमएलए सतीश निगम भी पहुंचे. धूप के कारण बोरवेल को छतरी से ढक दिया गया है.
आक्सीजन के सिलेंडर मंगाए
मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अफसर और क्षेत्रीय पुलिस मौके की तरफ भागे। तत्काल बचाव कार्य शुरू करा दिया गया। आक्सीजन के तीन सिलेंडरों से पाइप के जरिए जीवनरक्षक गैस नीचे पहुंचाई जा रही है। नीचे ठंडक बनी रहे, इसके लिए लागातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
ऑपरेशन ‘सेव लाइफ’
जिला प्रशासन ने तुरंत सेना को सूचना दी. कैंट से सेना के जवान आधे घंटे में पहुंच गए. सेना ने तीन जेसीबी मशीनों से गड्ढे के करीब एक और गड्ढा खोदने का काम शुरू कर दिया है. जीवन रक्षक उपकरणों से लैस छह एम्बुलेंस मौके पर मौजूद हैं. बचाव कार्य में माहिर सेना के जवानों की एक टुकड़ी बरेली से बुलाई गई है. यह टीम हेलीकाप्टर से सीधे घटनास्थल पर लैंड करेगी. हालांकि स्थानीय सैन्य टुकड़ी ने गड्ढा खोद लिया है और सुरंग बनाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है.