’12 साल में 16 लाख लोगों ने छोड़ा देश’- भारतीय नागरिकता पर विदेश मंत्री जयशंकर

नई दिल्ली: राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पिछले 12 साल में 16 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी है. एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात की जानकारी दी है. क्या कहते हैं आंकड़े? विदेश मंत्री […]

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’12 साल में 16 लाख लोगों ने छोड़ा देश’- भारतीय नागरिकता पर विदेश मंत्री जयशंकर

Riya Kumari

  • February 9, 2023 8:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पिछले 12 साल में 16 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी है. एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात की जानकारी दी है.

क्या कहते हैं आंकड़े?

विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि साल 2011 से इस साल तक 16 लाख से ज्यादा भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी हैं. इसमें से दो लाख से अधिक लोग (2,25,620) पिछले साल नागरिकता छोड़ चुके थे. इतना ही नहीं उन्होंने हर साल का आंकड़ा बताया है. विदेश मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार-

 

साल 2015 में 1,31,489 लोगों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी.

2016 में 1,41,603
2017 में 1,33,049
2018 में 1,34,561
2019 में 1,44,017
2020 में 85,256
2021 में 1,63,370
2022 में 2,25,620

ऊपर जो आंकड़े दिए गए हैं वह देश में भाजपा की सरकार के आने के बाद के हैं. इसके बाद विदेश मंत्री ने पिछली यानी मनमोहन सरकार के दौरान के आंकड़े भी बताए. विदेश मंत्री ने बताया कि साल 2011 में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या 1,22,819 रही थी. 2012 में ये आंकड़ा 1,20,923 था. फिर 2013 में ये आंकड़ा बढ़कर 1,31,405 हो गया और 2014 में कुछ गिरावट के साथ 1,29,328 भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ी.

ऐसे में 2011 से अब तक देश की नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या 16,63,440 हो गई है. इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने उन 135 देशों की लिस्ट भी दी है जिनकी नागरिकता भारत के लोगों ने ली है. दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में पांच भारतीयों ने संयुक्त अरब अमीरात की भी नागरिकता ली है.

एकल नागरिकता की व्यवस्था

गौरतलब है कि भारत के संविधान के अनुसार यहां एकल नागरिकता की व्यवस्था है. इसका सीधा-सीधा अर्थ ये है कि भारतीय नागरिक एक वक्त में केवल एक ही देश की नागरिकता ले सकता है. यदि एक शख्स दूसरे किसी देश की नागरिकता लेता है तो वह अपने देश यानी भारत का नागरिक नहीं रहेगा.

बता दें, बेहतर रोजगार और रहन-सहन के लिए भारत के लोग दूसरे देशों में प्रवास करते आ रहे हैं. अच्छी स्थितियों के बाद वह उन्हीं देशों में बस जाते हैं. ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू, 2020 के अनुसार, अच्छी लाइफस्टाइल अधिकांश नागरिक दूसरे देशों की नागरिकता ले लेते हैं.

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