नई दिल्ली। सूत्रों के मुताबिक भारत के विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने एक चौंकाने वाली बात का खुलासा किया है, विदेश राज्य मंत्री के अनुसार 2011 से अब तक करीब 16 लाख से अधिक भारतीयों ने भारत की नागरिकता त्याग दी है जिनमें से करीब 1 लाख 83 हजार से भी अधिक मामले इस साल के ही हैं।
2015 में भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या करीब 1,31,489 थी और 2016 में करीब 1,41,603 लोगों ने भारतीय नागरिकता का त्याग किया था।
2017 में 1,33,049 लोगों ने नागरिकता त्यागी थी
2018 में यह संख्या बढ़कर 1,34,561 हो गई थी।
2019 में 1,44,071 और 2020 में 85,256 और 2021 में 1,63,370 लोगों ने देश की नागरिकता त्याग दी थी।
इस साल अक्टूबर के अंत तक लगभग 1,83,741 लोगों ने भारत की नगारिकता छोड़ दी थी।
हम आपको बता दें कि, नागरिकता त्यागने वाले अधिकतर लोग एक स्तर के पूंजीपति ही होते हैं, इनमे ऐसे लोग भी हैं जो विदेशों मे पैसा कमाकर भारत के विदेशी मुद्रा भण्डार में बढ़ोत्तरी का काम करते थे, लेकिन उनके नागरिकता छोड़ने के बाद भारत के विदेशी मुद्रा भण्डार में बढ़ोत्तरी नहीं हो सकेगी।
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